कई प्रकार की हल्दी के साथ उगाकर तैयार की नई प्रजाति
बिलारी के गांव समाथल के रहने वाले रघुपत सिंह की उम्र करीब 65 साल है। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है। खेती को व्यवसाय के तौर पर चुनने के साथ ही वह जगह-जगह कृषि विज्ञान केंद्रों पर जाकर प्रशिक्षण लेते रहे हैं। रघुपत बताते हैं कि मसाले के रूप में हल्दी लगाने के लिए वह लाए थे। उसमें कुछ अलग तरह के बीज आ गए। उसे संभाल कर रख लिया। इसके बाद इस बीज से नई प्रजाति तैयार करने के लिए अन्य कई प्रकार की हल्दी के साथ उगाया।
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आम और अदरक के गुण एक साथ हल्दी में
नई फसल में जो हल्दी मिली वह देखने में वैसी ही थी, लेकिन उसका आकार भिन्न था। खाने पर इसमें आम का स्वाद आ रहा था। इसे उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र में दिखाया वहां जांच के बाद पाया गया कि इसमें आम, अदरक और हल्दी के गुण समाहित थे। सुबह शाम एक-एक ग्राम आम हल्दी लेने से गैस की समस्या दूर हो जाती है। जोड़ों का दर्द भी ठीक हो जाता है। अभी कृषि विज्ञान केंद्र में इसे और प्रोन्नत करने के लिए शोध कार्य चल रहा है।
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रघुपत सिंह की उपलब्धियां
- प्रदेश सरकार ने 1992 में कृषि पंडित की उपाधि दी।
- राष्ट्रीय सब्जी अनुसंधान केंद्र से स्वर्ण और कांस्य पदक से सम्मानित।
- भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र नई दिल्ली से नवोन्मेषी अवार्ड।
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- इसी संस्थान से 2017 में फेलोशिप अवार्ड।
- आइसीआर से कृषि अनुंसधान के लिए सम्मानित।
- पंडित दीन दयाल कृषि पुरस्कार।
- जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार।
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Report by : तरुण पाराशर, मुरादाबाद
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