ढाई साल चली लड़ाई

दुनिया में अन्य देशों में पोर्न वेबसाइट को भले ही अनुमति मिली हो लेकिन भारत में अब इस पर पूरी तरह से रोक लग चुकी है। सरकार ने 857 अश्लील (पोर्न) वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। इसके बाद सोशल मीडिया में सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बहस शुरू हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को 857 अश्लील वेबसाइटों को हटाने का आदेश दिया है। इंदौर में रहने वाले 43 साल के वकील कमलेश वासवानी ने सरकार से इस पर बैन लगाने की मांग की थी। वासवानी बताते हैं कि, उन्होंने यह लड़ाई ढाई साल तक लड़ी और आखिरकार जीत मिल गई।

पाकिस्तान में भी बैन

एक तरफ जहां इंडिया में पोर्नसाइट पर बैन लगाना सुर्खियों में आ गया है, तो वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी एक टीनएजर पोर्न वेबसाइट के खिलाफ खड़ा हुआ है। खबरों की मानें तो पाकिस्तान के कराची शहर में रहने वाले 15 साल के अब्दुल्ला ने पहली बार 2011 में इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। अब्दुल्ला ने Pakistan Telecommunication Authority (PTA) को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके साथ ही चीफ जस्टिस से भी एडल्ट वेबसाइट को बैन कराने की मांग की गई थी। हालांकि पीटीए ने जवाब में अब्दुल्ला से वेबसाइट के यूआरएल मांगे थे। जिसके बाद इस लड़के ने करीब 7,80,000 वेबसाइट की लिस्ट पीटीए को सौंपी। जिसमें कि 6 महीने का समय लग गया। बाद में पीटीए ने नेशनल इंटरनेट फिल्टरिंग सिस्टम को लागू किया। 2014 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सिस्टम को सरकार कंट्रोल करती है। यानी कि पाकिस्तान में भी पोर्न वेबसाइट पर बैन लग चुका है।

इन दोनों का क्या है कहना

पाकिस्तान में पोर्न पर बैन लगाने वाले अब्दुल्ला कहते हैं कि, यह हमारे धर्म के खिलाफ है। यदि हमारे बड़ों ने इसको लेकर आवाज नहीं उठाई तो नई जेनरेशन को इससे बचाना जरूरी था। इसलिए यह सब करना उचित था। इसी तरह भारत में पोर्न के खिलाफ खड़े हुए वासवानी कहते हैं कि, पोर्न देखने से युवा भ्रमित हो जाता है। यह उनके भविष्य को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। आपको बताते चलें कि वासवानी ने 2013 में ही पोर्न के खिलाफ एक पीआईएल दायर की थी।

Courtesy : qz.com

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