छोटी सी लव स्टोरी
कभी प्यार सात जन्मों तक होता था। एक जन्म में बिछड़े तो दूसरे जन्म में मिलने की इच्छा रखते थे। अब यही प्यार चंद दिनों में सिमटकर रह गया है। रोज डे से शुरू होकर ब्रेकअप पर सिमट रहा है। जो प्यार सालों चलता था अब वह सिमटकर पंद्रह दिनों का रह गया है। कभी लोग खुद को प्यार पर कुर्बान करते थे, लेकिन अब नाकाम होकर सुसाइड या मर्डर करने से भी बाज नहीं आते। कभी तेजाबी हो जाते हैं तो कभी इंसानियत को भी भूल बैठते हैं। प्यार अंधा होता है ये सब जानते हैं, मगर अंधेरी गलियों में लोग क्राइम की राह पकड़ रहे हैं। हम प्यार की बात कर रहे हैं, जो आज बाजार में बिक रहा है.

इश्क-विश्क, प्यार-व्यार
जैसे-जैसे प्यार का बाजारीकरण होता जा रहा है, वैसे ही प्यार में धोखे भी बढ़ रहे हैं। एक रोज देकर लोग अपने प्यार इजहार करते हैं। प्यार की ये कहानी गिफ्ट्स पर डिपेंड रहती है। गिफ्ट के साथ शुरू होती है लव सैक्स और धोखे की कहानी। धोखा खाए कुछ लोग संभल जाते हैं और कुछ टूट जाते हैं। क्योंकि फूल, चॉकलेट और गिफ्ट्स देकर प्यार करने वाले थक जाते हैं। उनके पास अब देने के लिए ना तो गिफ्ट्स बचते हैं और ना ही प्यार।

वेलेंटाइन डे
कुछ साल पहले वेलेंटाइन डे इंडिया में आया। इसके बाद एक-एक करके सात दिन तक वेलेंटाइन डे मनाए जाने लगे। पहले प्यार का एक दिन हुआ और फिर सात दिन। कुछ वर्षों बाद सात दिन और बढ़ गए। प्यार सात तारीख से शुरू होकर 21 फरवरी को एंड हो जाता है। स्लैप डे और ब्रेकअप डे भी सेलब्रेट किए जाने लगे।

बड़े धोखे हैं इस प्यार में
आरजी कॉलेज में सोशोलोजी डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ। अंजुला गुप्ता बताती हैं कि आजकल प्यार की कहानियां इंटरनेट से अधिक पनप रही हैं। सोशल मीडिया जरिए लोग एक दूसरे से प्यार का इजहार कर रहे हैं। लोगों को एक दूसरे से मिलाने में सबसे अधिक फेसबुक मुफीद साबित हो रहा है। कई लोग फेसबुक से बात आगे बढ़ाते हैं और इस फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिए सैकड़ों मीलों का सफर तय करके चले आते हैं। असलियत तब सामने आती है जब वह फेसबुक फ्रेंड का असली चेहरा देखते हैं। फेसबुक की यह लव स्टोरी ज्यादा दिन तक नहीं चल पाती और ब्रेकअप हो जाता है.

बलिदान नही, बलि
काउंसलर डॉ। सोना भारती कौशल मानती हैं कि पहले जब प्यार होता था तो प्रेमी या प्रेमिका बलिदान करने से पीछे नहीं रहते थे। वे अपने प्यार के लिए बलिदान तो कर सकते थे, या फिर साथ मरने जीने की कसमें खाते और उसे पूरा करते थे। एक जन्म में नहीं मिलते तो दूसरे जन्म में मिलने के लिए दुनिया छोड़ देते थे। आजकल तो प्यार में बलिदान दूर की बात है, अब प्यार की बलि चढ़ाई जाती है। अगर प्रेमिका ने मना कर दिया तो उस पर तेजाब डाल दिया जाता, या उसका कत्ल कर दिया जाता है, या फिर उसके साथ गैंग रेप जैसी वारदात को अंजाम दिया जाता है। आजकल प्यार तो परवान ही नहीं चढ़ता.

प्यार, शादी और तलाक
आजकल प्यार किसी का प्यार परवान चढ़ भी जाए तो वह ज्यादा दिन तक नहीं टिकता। नौबत तलाक तक आ जाती है। परिवार परामर्श केंद्र में ऐसे ना जाने कितने मामले आते हैं। जिसमें लड़के और लड़कियां लव मैरिज करते हैं। कुछ बातचीत ठीक रहती है और फिर वे तलाक के लिए चक्कर खाते दिखते हैं। परिवार परामर्श केंद्र की मानें तो हर महीने पांच से अधिक केस ऐसे आते हैं जो लव मैरिज के बाद अलग होने पर आमादा रहते हैं। काफी समझाने पर भी यह शादी नहीं बचती.

ये कैसा जुनून
कुछ प्यार एट्रेक्शन से होता है, जो अधिकतर एकतरफा होता है। जिसके नतीजे अधिक खतरनाक होते हैं। लोग इस एकतरफा प्यार में किसी भी हद तक चले जाते हैं। जिससे वे प्यार करते हैं उसी को बदसूरत बनाने पर उतारू हो जो जाते हैं। उसका कत्ल तक कर देते हैं। एसिड अटैक जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया जाता है। इस शहर में ऐसी ना जाने कितनी वारदातें हुईं। जिनसे दिल दहल जाता है.