- बड़ागांव में मोबाइल टावर के टेक्नीशियन को बदमाशों ने मारी गोली

- मोबाइल टॉवर में लूट के लिए पहुंचे थे बदमाश, विरोध करने पर मारी गोली

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बड़ागांव थाना क्षेत्र के सेहमलपुर में एफसीआई गोदाम के पास स्थित एक मोबाइल टावर में लूट की नियत से घुसे बदमाशों ने टेक्नीशियन सहयोगी अरविंद यादव (24 वर्ष) की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हत्यारों की तलाश की जा रही है।

सेहमलपुर गांव में स्थित मोबाइल टावर के बाउंड्रीवॉल को फांदकर चार की संख्या में बदमाश मंगलवार की रात लगभग एक बजे प्रवेश किये। बदमाशों ने गॉर्ड को बंधक बनाकर बैटरी, बैटरी बैंक, एलसीओ आदि खोला। जिसके कारण टॉवर का सिग्नल प्रभावित हुआ। सिग्नल के डिस्टर्ब होते ही मोबाइल टावर के कंट्रोल रूम से टेक्नीशियन विजय यादव को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही विजय मौके पर पहुंचा। कुछ देर बाद सरायकाजी स्थित अन्य टॉवर से टेक्नीशियन सहायक अरविंद यादव उर्फ काजू और अभिषेक मिश्रा सेहमलपुर टॉवर पर पहुंचे।

गेट पर पड़ी थी बैटरी

यहां पहुंचने के बाद इंजीनियर्स को टॉवर के गेट के अंदर बैटरी तथा अन्य सामान खोलकर रखे हुए दिखाई दिए। इससे दोनों ने भांप लिया की अंदर कुछ गड़बड़ है और बाउंड्री के किनारे पर दोनों लेट गए और शोर मचाने लगे। शोर सुनकर बदमाश अंदर से बाउंड्रीवाल फांदकर बाहर निकले। सहायक टेक्नीशियन अभिषेक ने शोर मचाकर उनको रोकना चाहा। जिस पर चारों बदमाश अभिषेक को पकड़कर असलहा सटा दिए। तब तक वहां अरविंद पंहुच गया और उनसे भिड़ गया। बदमाशों संग उसकी मारपीट होने लगी और उसने एक बदमाश को पकड़ भी लिया। जिसके बाद बदमाश ने अरविंद के पेट में एक गोली मारी और बदमाश वहां से भाग निकले। गोली लगने के बाद अरविंद खून से लथपथ हालत में मौके पर गि गया। जिसकी सूचना वहां मौजूद टॉवर कर्मियों ने पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने अरविंद को हरहुआ स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घर पर मचा कोहराम

मृतक का बड़ा भाई विजय यादव यहीं पर टेक्नीशियन था। मृतक चेवार देवगांव आजमगढ़ का मूल निवासी था और वाराणसी में दुर्गाकुण्ड में रहता था। हत्या की सूचना अरविंद के घर पहुंचते ही हड़कंप मच गया। परिजन असमय हुई इस मौत को गले के नीचे नहीं उतार पा रहे थे। सुबह घटना स्थल पर एसपीआरए डॉ सुरेन्द्र प्रताप सिंह तथा फील्ड यूनिट की टीम भी पहुंची और जांच पड़ताल की।

पहले भी हो चुकी है चोरी

इस टॉवर में चोरी की ये कोई पहली वारदात नहीं है। इससे पहले भी इसी मोबाइल टॉवर में चार बार चोरी हो चुकी है और पिछली बार चोर पकड़े भी गए थे।

पहले ले चुका था पंगा लेकिन इस बार

अरविंद को इस बार इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वो जिन बदमाशों से उलझ रहा है वो उसे मौत के घाट उतार देंगे। वजह थी पहले भी एक बार अरविंद ने बदमाशों को टॉवर से बैटरी चुराते वक्त पकड़ लिया था। हालांकि उस वक्त हाथापाई ही हुई थी लेकिन इस बार बदमाश पूरी तैयारी संग आये थे और इसका अंदाजा अरविंद को नहीं लगा और जान देकर उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ी।

साथ ले गए मोबाइल भी

मृत सहायक टेक्नीशियन की मोटरसाइकिल घटना स्थल से लगभग एक किमी दूर बाबतपुर स्थित एक होटल के समीप पायी गई। बदमाश घटना के बाद टॉवर से लूटा गया कोई भी सामान नहीं ले जा पाये और सभी कुछ वहीं छोड़ गए। हालांकि बदमाशों ने जाने से पहले टॉवर के गॉर्ड दुर्गा और मृतक के मोबाइल को उठा लिया और दोनों लेकर चले गए हैं।

पहले भी हो चुकी है हत्याएं

टॉवर की बैटरी चोरी करने को लेकर हत्याएं पहले भी हो चुकी हैं। बीते कुछ सालों में गॉर्ड और अन्य कर्मचारी इसका शिकार हुए हैं। टकटकपुर में 2013 में गॉर्ड को गला रेतकर बैटरी चोरी के चक्कर में ही मारा गया था। जबकि रोहनिया और बड़ागांव में पहले भी टॉवर में चोरी की घटना को अंजाम देने घुसे चोरों ने हत्या को अंजाम दिया है।