-सेंट्रल जेल में चल रही गौशाला से निकलने वाले गोबर से बनाया जाएगा जैविक खाद, दूसरे जेलों में होगी खाद की सप्लाई

-जेलों में सब्जी व अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए होगा इस्तेमाल और बढ़ेगा मुनाफा भी

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जेल में अब तक आपने सब्जी और अनाज की पैदावार करने की बात सुनी होगी लेकिन अब सेंट्रल जेल में जल्द ही जैविक खाद भी तैयार होगी। ये जानकर आश्चर्य तो जरूर लग रहा होगा पर ये सच है। दरअसल सेंट्रल जेल की आमदनी को बढ़ाने के लिए शासन स्तर से आये आदेश के बाद यहां की गौशाला से निकलने वाले गोबर व अन्य अपशिष्ट पदार्थो से जैविक खाद बनाया जाएगा। तैयार खाद की अन्य जेलों में सप्लाई की जाएगी। जिसका वहां इस्तेमाल सब्जी और अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए होगा। बाद में तैयार खाद को मार्केट में भी सेल करने की प्लानिंग की गई है।

जेलों से ही होगी शुरुआत

एडीजी जेल के इस आदेश के बाद सेंट्रल जेल इस प्रयास में जुट गया है। जेल प्रशासन की मानें तो वर्तमान में जेल में आठ गायों संग गौशाला संचालित हो रही है। जिसके कारण डेली यहां काफी गोबर निकलता है। अभी इसे जेल के पीछे फेंक दिया जाता है या फिर उसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अब इस पूरे मैटीरियल से खाद तैयार कर उसे दूसरे जिलों की जेलों में सप्लाई की जाएगी। प्लान खाद को मार्केट में बेचने का है लेकिन शुरुआत में इसे जेलों में सप्लाई कर ट्रायल किया जाना है। इसके सक्सेस होने के बाद ओपेन मार्केट में जेल की खाद भेजकर कमाई बढ़ाने की तैयारी है।

कैदी करते हैं देखभाल

जेल में कई अलग अलग नस्ल की गायें हैं। इनकी देखभाल करने के लिए जेल में बंद कैदी ही लगाये गए हैं। दूध दूहने से लेकर चारा देने और साफ सफाई सब कैदी ही करते हैं। डिप्टी जेलर डीपी सिंह का कहना है कि जेल में गौशाला बाहर चलने वाली गौशालाओं के लिए एक मिसाल है। यहां साफ सफाई से लेकर गायों की केयर पर पूरा ध्यान दिया जाता है।

कैदियों के जरिए कई तरह के काम जेल में किए जा रहे हैं। खाद तैयार करने की भी तैयारी है। इसका इस्तेमाल जेलों में सब्जी और अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए होगा।

डीपी सिंह, डिप्टी जेलर, सेंट्रल जेल