- एसटीएफ ने पकड़ी थी हरियाणा की खेप

- संसाधनों का हवाला, जिम्मेदारी से बच रहा विभाग

GORAKHPUR: जिले में अवैध शराब की बरामदगी ने आबकारी विभाग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि काफी दिनों से कारोबार चल रहा था। पंचायत चुनाव की तैयारी में भी प्रत्याशियों ने अवैध शराब का आर्डर दिया है। हालांकि खेप पकड़े जाने से उनके अरमानों पर पानी फिर गया है। जिला आबकारी अधिकारी ने कहा कि अभियान चलाकर जांच की जाएगी।

एसटीएफ ने बरामद किया ट्रक

एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने शनिवार को फलमंडी में बीयर की खेप पकड़ी। हरियाणा से मंगाई अवैध बीयर की बरामदगी से हड़कंप मच गया। जांच पड़ताल में सामने आया कि पंचायत चुनाव में खपाने के लिए अवैध शराब और बीयर मंगाई जा रही है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। अवैध कारोबार में लगाम न होने से आबकारी विभाग भी कठघरे में आ गया। आबकारी विभाग के अफसरों ने दावा किया कि किसी सरकारी ठेके पर कोई गोलमाल नहीं हो रहा है।

पहले नहीं उठाया कदम

एसटीएफ की कामयाबी ने जिले के आबकारी विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है। आबकारी विभाग की जांच में कभी ऐसा मामला नहीं पकड़ा गया। कूड़ाघाट में हरियाणा की बनी शराब की सूचना पर कभी-कभार छापेमारी करके आबकारी विभाग ने कोरम पूरा कर लिया। रविवार को भी विभाग ने कहीं जांच पड़ताल नहीं की। अलबत्ता, विभाग के अफसर संसाधनों की कमी का हवाला देते रहे। अफसरों ने कहा जिले में दुकानों पर अवैध शराब और बीयर नहीं बिकती है। बल्कि दूर - दराज के इलाकों में स्टॉक बनाकर कारोबारी बेचते हैं। एसटीएफ के सर्विलांस की तरह सुविधा न होने से विभाग लगाम नहीं कस पा रहा है।

जिले में किसी सरकारी ठेके पर अवैध शराब नहीं बिकती है। यह स्टॉक पंचायत चुनाव के लिए मंगाया गया था। इस तरह की कोई शिकायत भी पहले कभी नहीं मिली। हमारे पास संसाधनों की कमी भी तो है।

सदानंद चौरसिया, जिला आबकारी अधिकारी

इसके पहले भी अवैध शराब और बीयर की खेप आ चुकी है। इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पंचायत चुनाव में एसटीएफ सक्रिय रहकर कार्रवाई करेगी।

विकास चंद त्रिपाठी, सीओ, एसटीएफ गोरखपुर यूनिट