दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव

-आधार कार्ड के 16 डिजिट के नम्बर से ही बनेगा सरकारी रिकॉर्ड

-कार्ड की बनावट एटीएम कार्ड की तरह, जिसमें एक चिप भी लगी होगी

KANPUR : अपनी पहचान और विभिन्न सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए जैसे पब्लिक को आधार कार्ड जरूरी हो गया है। ठीक उसी तर्ज पर अब किसानों की जमीनों के आधार कार्ड भी बनेंगे। जमीनों के आधार कार्ड से ही जमीन की पहचान सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी। योगी सरकार के इस आदेश डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने अमल करना शुरू कर दिया है।

नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

माना जा रहा है कि जमीनों के आधार कार्ड की यह व्यवस्था किसानों को लेखपालों के जंजाल से मुक्त करा देगी। यह आधार कार्ड भी ठीक उसी तरह से प्लास्टिक कार्ड होंगे जैसे पब्लिक के बने हैं। जमीन के आधार कार्ड पर 16 डिजिट होंगे। इन्हीं नम्बरों के आधार पर अब तहसील में भूमि अंकित की जाएगी। साथ ही यह भी अंकित होगा कि उपरोक्त जमीन पर किस किसान का मालिकाना हक है।

एक क्लिक पर जमीन की डिटेल

जमीन के आधार कार्ड बन जाने पर इसे ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसके बाद एक क्लिक पर जमीन से संबधित सभी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। अब तक जमीन के बारे में कुछ भी पता करने के लिए लोगों को लेखपाल के पास चक्कर लगाने पड़ते हैं, अब यह झंझट नहीं करना पड़ेगा। आधार कार्ड बनाने के साथ लेखपालों को टैबलेट देने की भी प्लानिंग हो रही है। जिससे लेखपाल कहीं पर भी जमीन के मालिकाना हक के विवाद की स्थिति में सरकारी रिकॉर्ड तुरंत दिखा सकेगा।

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ऐसा होगा जमीन का आधार कार्ड

कार्ड की बनावट एटीएम कार्ड की तरह होगी, जिसमें एक चिप भी लगी होगी। इसमें जो 16 डिजिट का नंबर पड़ा होगा उस डिजिट में प्रारम्भ के छह डिजिट में गांव का कोड होगा। 7 से दसवें नम्बर तक खेत का नम्बर (गाटा संख्या) होगा। 11 से 14 नम्बर भूमि की कैटेगिरी और 15 व 16 नम्बर जमीन की श्रेणी बताएंगे।

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जिस तरह से आधार कार्ड एक व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान बताता है। उसी तरह से जमीन का आधार कार्ड भी भूमि की व्यक्तिगत पहचान बताएगा।

-संजय चौहान, एडीएम (वित्त एवं राजस्व)