- जिन पेंशनधारियों के आधार कार्ड नहीं बन पाए, विभाग सख्ती के मूड में

- जिनके नहीं बन पा रहे हैं आधार कार्ड, उनको विभाग को देना होगा एप्लीकेशन

-अब तक 60 हजार पेंशनधारियों के नहीं बन पाए आधार कार्ड

>DEHRADUN: समाज कल्याण विभाग के तहत जिनके आधारकार्ड नहीं बने हैं, अब उनकी पेंशन पर संकट गहरा सकता है। विभाग उनके पेंशन के निरस्तीकरण का अभियान शुरू कर सकता है। खास बात यह है कि कुछ दिनों का वक्त देते हुए विभाग ने फिर से कहा है कि जिनके आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं, वे एप्लीकेशन दे सकते हैं। खुद समाज कल्याण विभाग उनके आधार कार्ड बनावाएगा। विभाग के मुताबिक अभी भी सूबे में करीब म्0 हजार ऐसे पेंशनधारी हैं, जिनके आधार कार्ड नहीं बने हैं और उनकी पेंशन रुकी हुई है।

क्ब् फीसदी पेंशनधारियों के नहीं बन पाए आध्ार कार्ड

सरकार के निर्देशानुसार तमाम प्रकार के पेंशनधारियों को आधारकार्ड बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन बताया जा रहा है कि राज्य में अभी तक करीब म्0 हजार ऐसे पेंशनधारी हैं, जिनका आधार कार्ड नहीं बन पाया है और उनकी इस वित्तीय वर्ष की पेंशन रुकी हुई है। समाज कल्याण के निदेशक बीएस धनिक ने खुद स्वीकार किया है कि म्0 हजार पेंशनधारियों के आधार कार्ड न बन पाने के कारण उनकी पेंशन खाते में जाने में दिक्कत हो रही है। बताया जा रहा है कि समाज कल्याण इनमें से ज्यादातर को डुप्लीकेसी भी मान रही है। विभाग का कहना है कि हो सकता है कि इनमें कई ऐसे भी हो सकते हैं, जिनके डुप्लीकेट आधार बने हों और पकड़ में आने की वजह से अब वे सामने नहीं आ रहे हों। इसके लिए कइयों की या तो मृत्यु हो चुकी है या कुछ दूसरे राज्यों के शामिल हों। विभाग भी स्वीकार रहा है कि कइयों के आधार कार्ड सेंटरों पर अंगूठे में दिक्कत होने के कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहे होंगे। लेकिन समाज कल्याण अधिकारियों का कहना है कि जिनको इस प्रकार की दिक्कत हो, वे विभाग को एप्लीकेशन लिख सकते हैं। तत्काल उनका आधार कार्ड बनवा दिया जाएगा।

जल्द होगी निरस्तीकरण की प्रिक्रया शुरू

समाज कल्याण निदेशक के अनुसार कई ऐसे आधारकार्ड विहीन पात्र शामिल भी रहे हैं, जिनके अंगूठे में दिक्कत होने के कारण उनके आधार कार्ड नहीं बन पाए। ऐसे में उनके आंखों की रेटिना की मदद से आधार कार्ड तैयार किए गए। फिलहाल समाज कल्याण विभाग मान रहा है कि इतने के बाद भी जो पात्र आधारकार्ड बनवाने के लिए सामने नहीं आएंगे, उनकी पेंशन की निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जल्द ही इस पर विभाग की बैठक होनी प्रस्तावित है। जिसमें इस पर आखिरी मुहर लगने की संभावना है। लेकिन विभाग का मानना है कि करीब 8म् प्रतिशत ऐसे पेंशनधारी हैं, जिनके आधार कार्ड बनकर खातों से भी लिंक हो चुक हैं।

-दून में अकेले विधवा व तलाकसुदा पेंशनधारियों की संख्या क्8,ब्0म् है।

-इनमें से क्भ्,9ख्7 पेंशनधारियों की पेंशन रिलीज कर दी गई है।

-जबकि बाकी ख्ब्79 के आधार कार्ड न होने के कारण नहीं मिल पाई है पेंशन।

-पेंशनधारियों को मिलती है हर माह करीब एक हजार रुपए पेंशन।