मगर सवाल है आखिर कब तक? इस बार तो मामला इतना बड़ा था कि तबाही के निशान सालों तक जख्म देते। पेट्रोल पम्प से सटे टायर गोदाम में आग लग गई। आग की ऊंची-ऊंची लपटों और जहरीले धुएं से एरिया के लोगों और राहगीरों की सांसें थम सी गईं। आग कितनी विकराल थी इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इसे बुझाने के लिए चार दर्जन फायर ब्रिगेड को लगना पड़ा। इसके बाद भी आग पर काबू पाने में सात घंटे से ज्यादा लग गए।
Aag at fazalganj

Short circuit से लगी

फजलगंज निवासी सम्पी, लवली और सोनू (सगे भाई) की बिल्डिंग की दीवार पेट्रोल पंप से सटी हुई है। घर के नीचे ही टायर का गोदाम है। मंगलवार दोपहर 2.30 बजे शार्ट-सर्किट से गोदाम में आग लग गई। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता आग ने विकराल रूप अख्तियार कर लिया। घर में मौजूद बच्चों और महिलाओं को तुरंत घर से बाहर निकाला गया।

घेर लिया petrol pump

पेट्रोल पंप से सटी बिल्डिंग में आग की सूचना पर अफसरों के हाथ-पैर फूल गए। फायर ब्रिगेड की चार दर्जन गाडिय़ों को रवाना किया गया। इसके लिए आर्डिनेंस और एचएएल की मदद भी ली गई। मौके पर पहुंचे ऑफिसर्स ने पेट्रोल पंप बंद करा दिया। मशीनों पर बालू डाल दी गई जिससे चिंगारी उस तक न पहुंचे। पेट्रोल पंप के चारों ओर फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां लगाकर पानी की बौछार की गई। घटना के वक्त पेट्राल पम्प पर हजारों लीटर तेल स्टॉक था। एक चिंगारी तबाही मचाने के लिए काफी थी।

सांस लेना भी मुश्किल

टायरों से निकल रहे जहरीले धुएं ने पूरे एरिया के लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया। दम घुटने की वजह से आसपास के दुकानदारों ने दुकानें बंद कर दीं। दोनों ओर से ट्रैफिक का मूवमेंट बंद करा दिया गया।

खिडक़ी के रास्ते बुझाया

दो मंजिला बिल्डिंग में फायर टीम के घुसने तक लिए जगह नहीं बन पा रही थी। जहरीला धुआं उनके रास्ते क सबसे बड़ी अड़चन था। आग पर काबू पाने के लिए ऑफिसर्स ने एक और रिस्क लिया। जवानों ने पेट्रोल पंप से बिल्डिंग में सीढ़ी लगा दी और दीवार तोडक़र अंदर घुसने की कोशिश की। मगर, पेट्रोल पम्प की वजह से फिर डिसिजन बदला गया। खिडक़ी के रास्ते पानी डालना शुरू किया। दोपहर को लगी आग देर शाम आठ बजे तक सुलगती रही। घटना में 50 लाख से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है। मौके पर कई थानों का फोर्स, दोनों जोन के एसपी व सीओ मौजूद थे.