आर्थिक तंगी के चलते आमिर खान ने की थी मदद
साल 2008 में पैरालिसिस अटैक होने के बाद व्यास को डॉक्टरों ने बेड रेस्ट की सलाह दी थी। उनकी शुरुआती इलाज मुंबई में हुई, फिर आर्थिक तंगी के चलते उनका परिवार जैसलमेर लौट गया और वहीं उनका इलाज जारी रखा। कुछ ख़बरों के मुताबिक आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यास के परिवार को आमिर खान, इमरान खान और मनोज वायपेयी ने मदद की। बता दें कि आमिर खान ने उनके इलाज से लेकर बेटियों की पढ़ाई तक की जिम्मेदारी उठा ली।
भारत भूषण को आर्थिक तंगी के चलते बेचनी पड़ी कार
फिल्म बैजू बावरा से फिल्मी दुनिया में छाए भारत भूषण का नाम भी गरीबी से मरने वाले कलाकारों की सूची में शामिल है। 1920 में जन्में भारत भूषण 1992 को 72 वर्ष की उम्र में अलविदा कह गए। इन्होंने भाईचारा, सुहागरात, उधार, रंगीला राजस्थान जैसी फिल्मों में काम किया। भरत भूषण ने जीवन के आखिरी दिनों में काफी गरीबी झेली। जिसकी वजह से उन्हें अपनी दो कारें भी बेचनी पड़ीं।
ए.के.हंगल भी आर्थिक तंगी का शिकार
ए.के.हंगल भी बॉलीवुड के बड़े चेहरों में शामिल हैं। इन्हें भी आर्थिक अभाव में अपने जीवन के अंतिम दिन बिताने पड़े थे। 1914 में जन्में ए.के हंगल ने नाना, पिता, नेता, स्कूल मास्टर, रिटायर्ड जज, डॉक्टर, प्रोफेसर, पंडित, संत, कर्नल जैसे तमाम किरदारों में नजर आए। सैंटा क्रूज के एक छोटे से फ्लैट में रहने वाले हंगल आखिरी समय में अकेले ही रहे। वह अंतिम वर्षों में कई बीमारियों की चपेट में थे। इसके अलावा धन की तंगी से जूझते हुए 2012 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
मीना कुमारी के पास अस्पताल में बिल भरने के पैसे नहीं थें
बॉलीवुड में ट्रेजडी क्वीन के नाम से जानी जाने वाली मीना कुमारी ने अभिनय की दुनिया में एक अलग छाप छोड़ी। 1 अगस्त 1932 को जन्मी मीना कुमारी ने 31 मार्च 1972 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। इतनी कम उम्र में 'साहब बीबी और गुलाम', 'मैं चुप रहूंगी' और 'आरती'जैसी फिल्में कर वह सुपरस्टार बन गई थीं। फिल्म 'पाकीजा' का गीत 'चलो दिलदार चलो, चांद के पार चलो।।।' काफी पॉपुलर हुआ। इतना सबकुछ होने के बाद मीना की मौत जब हुई तब वह कंगाल थीं। अस्पताल में भर्ती मीना के पास बिल भरने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। जिससे उनके एक डॉक्टर ने उनका बिल भरा था।
भगवान दादा को आर्थिक तंगी के चलते चॉल में रहना पड़ा
भगवान दादा का नाम भी काफी फेमस रहा। फिल्म 'अलबेला' सहित कई सुपर हिट फिल्मों में वह जबरदस्त रोल में नजर आए। 'भोली सूरत दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे' गाने में इनके ठुमके आज भी लोगों को अच्छे से याद हैं। सुपरस्टार बनने के बाद इनके पास चेंबूर में बंगला, स्टूडियो और कीमती कारें सब हो गईं, लेकिन यह सब अचानक से एक आगजनी की भेंट चढ़ गए। उनके यहीं से बुरे दिन शुरू हो गए। चेंबूर के बंगले से दादर की चॉल में उन्हें रहना पड़ा। आखिरी समय में उन्हें कंगाली का सामना करना पड़ा।
अचला सचदेवा से अस्पताल में कोई मिलने नहीं आया
इस एक्ट्रेस का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। जी हां बलराज साहनी की जोहराजबीं काफी पॉपुलर हुई। यह किरदार अचला सचदेवा ने निभाया था। 1920 में पेशावर में जन्मीं अचला ने साल 2012 को इस दुनिया को अलविदा कहा था। इन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई बड़े रोल निभाए हैं। जीवन के अंतिम दिनों में वह बिलकुल अकेली रहीं। दोनों बच्चे उनसे दूर रहते थे। जिस समय वह हॉस्पिटल में थीं, तब भी उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। अंतिम समय अस्पताल में भी उनसे मिलने कोई नहीं आया।
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