- 'जिम्मेदारों' ने माना कि खंभा उन्हीं का था जो बीडीए ने किया था हैंडओवर

- आईजीआरएस पोर्टल पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई समेत मुआवजा की हुई मांग

BAREILLY:

पीलीभीत बाईपास पर खंभा गिरने से हुई प्रियंका की मौत की जिम्मेदारी लेने को कोई भी विभाग तैयार नहीं है। सैटरडे को खंभा नगर निगम का होने से भी इनकार कर रहे नगर आयुक्त ने 24 घंटे के बाद यह मान लिया है कि खंभा नगर निगम का ही है। जिसे बीडीए ने करीब 3 वर्ष पहले हैंडओवर किया था। हैंडओवर के दौरान पीलीभीत बाईपास पर लगे सभी स्ट्रीट लाइट के खंभों को चेक किया गया था। दावा किया है कि सीयूजीएल के टैंकर से टक्कर होने की वजह से खंभा गिरा है न कि जर्जर होने की वजह से गिरा है। जबकि प्रत्यक्षदर्शी और वहां दुकान लगाने वाले ठेले, खोमचे दुकानदारों के मुताबिक खंभा बेहद जर्जर था, जो टैंकर की मामूली सी टक्कर से टूटकर प्रियंका के सिर पर ि1गरा है।

सीएम से 'लापरवाहों' पर कार्रवाई की मांग

जंग लगे पोल से हुई प्रियंका की मौत पर सीएम के आईजीआरएस पोर्टल पर कार्रवाई की मांग हुई है। प्रदीप कुमार ने पोर्टल पर नगर निगम पर धारा '304 ए' के तहत कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने समेत जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों से वसूली करने की मांग की है। कहा है कि नगर निगम समेत अन्य विभागों द्वारा लगाए गए खंभे व अन्य सामानों की नियमानुसार मेनटेनेंस नहीं हो रही है। जर्जर हो चुके ऐसे ही कई अन्य सामान आगामी दिनों में लोगों की जान जोखिम में डाल सकते हैं। जिसका खामियाजा निर्दोष लोगों को भुगतना पड़ सकता है।

कभी भी गिर सकता था जर्जर खंभा

पीलीभीत बाईपास पर लगा खंभा जंग लगने से सड़ चुका था। जहां से खंभा टूटा वहां इस कदर जंग लगी थी कि खंभा खोखला हो गया था जिसकी पुष्टि तस्वीर चीख कर बता रही है कि मामूली सी टक्कर से आखिर कैसे लोहे का खंभा गिर पड़ा।

टक्कर लगने पर जर्जर होने पर

जहां टक्क्र होती वहां मुड़ जाता खंभा मुड़ा नहीं सीधा खंभा सिर पर गिरा

उखड़कर एक तरफ झुक जाता खंभा झुका नहीं बल्कि ऐसा लग रहा 'कटकर' गिरा हो

जमीन पर उखड़ने के स्पॉट होते खंभा उखड़ा नहीं जहां जंग थी वहां से 'कट' गया

खंभे से जहां टैंकर टकराया वहां स्पॉट होता खंभा पर टकराने का कोई स्पॉट नहीं दिख रहा

तेज रफ्तार टक्कर से खंभा तुरंत गिरता नहीं सीयूजीएल पंप से बाहर निकलते हुए टैंकर की स्पीड स्लो होगी।