-सिटी श्मशान भूमि के पास ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत

-युवक की मौत के बाद बेसहारा हो गए छह मासूम बच्चे व उसकी पत्नी

<-सिटी श्मशान भूमि के पास ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत

-युवक की मौत के बाद बेसहारा हो गए छह मासूम बच्चे व उसकी पत्नी

BAREILLY:

BAREILLY:

ऐसा कौन होगा, जिसे यह पता न हो कि रेलवे क्रासिंग पर गेट बंद होने के दौरान क्रासिंग क्रॉस करना मौत को दावत देना है। बावजूद इसके थोड़ी सी जल्दबाजी न सिर्फ जिंदगी की डोर काट देती है। बल्कि मरने वाले के परिवार की जिंदगी भी बर्बाद हो जाती है। शहर के किला स्थित रेलवे क्रासिंग पर हादसा कुछ ऐसा ही है। रेलवे क्रासिंग का गेट बंद होने के बावजूद गेट पाकर जाने वाले एक युवक की मौत हो गई। उसकी इस जल्दबाजी में छह छोटे-छोटे बच्चे व गर्भवती पत्‍‌नी बेसहारा हो गए।

टहलने निकला था युवक

फ्भ् वर्षीय राजेंद्र पुत्र हरि प्रसाद चमन मठिया मलूकपुर में रहता था। उसके परिवार में पत्‍‌नी राधा, छह बच्चे प्रीति, सपना, अंजलि, आरुषि, वरुण, व अंतरा और भाई हरीश है। उसकी पत्‍‌नी प्रेगनेंट है। चप्पलें बेचने का फड़ लगाकर परिवार का भरण-पोषण करता था। हरीश ने बताया कि राजेंद्र फ्राइडे सुबह घर से टहलने के लिए निकला था। करीब क्0 बजे उसके ट्रेन से कटकर मौत हो गई।

लालगढ़ एक्सप्रेस से कटा युवक

गेटमैन रूफी जैदी ने बताया कि सुबह करीब 9 बजकर ख्भ् मिनट पर लालगढ़ को जाने वाली ट्रेन भ्909 लालगढ़ एक्सप्रेस पास हो रही थी। उसने फाटक बंद कर दिया था लेकिन कुछ लोग इसके बावजूद निकल रहे थे। इसी दौरान राजेंद्र फाटक पार कर रहा था कि तभी वह ट्रेन आ गई और वह ट्रेन की चपेट में आ गया। उससे करीब भ्0 मीटर तक वह घिसटता चला गया। गेटमैन ने सूचना जीआरपी को दी। मामला सिविल पुलिस का होने के चलते किला पुलिस पहुंची और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उसने बताया कि ट्रेन से शख्स के कटने के कुछ देर बाद ही दो बुजुर्ग रेलवे लाइन पर चल रहे थे। इसी दौरान एक ट्रेन आ रही थी तो उसने दोनों बुजुर्गो को आवाज देकर ट्रेन से हटाया नहीं तो उनके साथ भी हादसा हो जाता।

मात में बदल गइर् खुशियां

राजेंद्र की पत्‍‌नी गर्भवती है। घर में आने वाले मेहमान तैयारी थी। घर में खुशी का माहौल था, लेकिन राजेंद्र की मौत से पूरे परिवार पर गमों का पहाड़ टूट गया। हादसे के बाद से पत्नी राधा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। राजेंद्र की मौत के बाद उस पर म् बच्चों के पालन पोषण करना बड़ी मुसीबत होगी। राजेंद्र ही घर में कमाने वाला था। हरीश का भी रो-रोकर बुरा हाल था। वह रोते हुए कह रहा था कि उसके भाई ने ही उसे पाल पोसकर बड़ा किया है। भाई के बिना अब मैं कैसे जिंदगी जिऊंगा।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

बता दें कि किला रेलवे फाटक पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। कुछ दिनों पहले भी एक शख्स की ट्रेन से कटकर जान चली गई थी। करीब एक माह पहले भी सिटी श्मशान भूमि के आगे ट्रेन से कटकर एक शख्स की मौत हो गई थी। इसको लेकर जीआरपी व सिविल पुलिस में जमकर जंग भी हुई थी। सिटी श्मशान भूमि रेलवे फाटक पर तीन लाइन गुजरती हैं। दो रूट की लाइने होने के चलते अक्सर फाटक बंद रहता है जिसके चलते लोग जल्दबाजी में फाटक बंद होने पर भी लाइन क्रॉस करते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।