-डॉक्टर्स एसोसिएशन की रिपोर्ट में हुआ खुलासा: शराबबंदी के बाद सड़क दुर्घटना में आई 50 परसेंट गिरावट

-आर्थो और न्यूरो सर्जरी के एक्सिडेंटल मामले में आई कमी

manish.mishra@inext.co.in

PATNA : बिहार में सीएम नीतीश कुमार की पूर्ण शराबबंदी का बड़ा असर सड़क हादसों में देखा जा रहा है। शराबबंदी ने प्रदेश में सड़क हादसों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है जिससे आंकड़ा पचास प्रतिशत कम हो गया है। बिहार के डॉक्टर्स एसोसिएशन के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल होने वाला क्म् हजार से अधिक रोड एक्सिडेंट घटकर साढ़े सात हजार पहुंच गया है। आर्थो और न्यूरो सर्जरी के आधार पर जुटाए गए आंकड़ों को डॉक्टर्स एसोसिएशन काफी सुखद बता रहा है। वह इसके लिए शराबबंदी के साथ सरकार के जागरुकता अभियान को काफी अहम बता रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि एक्सिडेंटल सर्जरी में पूर्व के वर्षो की अपेक्षा काफी हद तक गिरावट आई है।

आंकड़ा दे रहा गवाही

पटना के आर्थो और न्यूरो सर्जनों के साथ डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा कराए गए सर्वेक्षणों के मुताबिक दुर्घटना से होने वाली सर्जरी में काफी कमी देखने को मिली है। डॉक्टरों के पैनल में शामिल एक्सपर्ट बताते हैं कि पटना के कई निजी नर्सिग होम और सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी से जुटाए गए आंकड़ों को जब कम्बाइन किया गया तो पता चला कि पूर्व के वर्षो की तरह पिछले डेढ़ साल में सड़क हादसे नहीं हुए हैं। डॉक्टरों के पैनल के मुताबिक पूर्व में अक्सर बड़ी बड़ी घटनाएं होती थी और एक साथ दर्जनों लोग इलाज के लिए आते हैं। ऐसे एक्सिडेंटल मामलों में आर्थो, न्यूरो और दंत विभाग के सर्जनों का काम बढ़ जाता था। लेकिन डेढ़ साल में ऐसी कोई भी बड़ी घटना नहीं हुई है जिसमें एक साथ कई लोग घायल हुए हो या फिर मौत हुई हो।

सूबे में शराबबंदी के बाद घटता गया आंकड़ा

पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर हाई वे एरिया के थाना प्रभारियों का भी मानना है कि डेढ़ साल में सड़क हादसों में तेजी से कमी आई है। पूर्व में होने वाले हादसों में अधिकतर लोगों की जान चली जाती थी लेकिन अब

ऐसी कोई बड़ी व गंभीर घटना नहीं होती है। इसके पीछे शराबबंदी को बड़ा कारण माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ये काफी सुखद है नहीं तो एनएच पर ऐसा कोई दिन नहीं होता था जिसदिन कोई बड़ी घटना नहीं होती थी।