बरेली। सेटेलाइट बस स्टेशन के पास स्ट्रीट लाइट का जर्जर पोल सिर पर गिरने से गंभीर रूप से घायल टीचर प्रियंका वर्मा के पिता विजय बहादुर वर्मा को बेटी के होश में आने का इंतजार है। इसके बाद वे सीएनजी पम्प की संचालक कंपनी सीयूजीएल और बिजली विभाग के खिलाफ हर संभव कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उनका मकसद मुआवजा लेने से ज्यादा लापरवाह जिम्मेदार अधिकारियों को सजा दिलवाना है।

सिद्धि विनायक अस्पताल की आईसीयू में भर्ती प्रियंका उत्तरांचल के टिहरी गढ़वाल जिले के गांव कठूड़ हिदाव की रहने वाली है। वह संडे सुबह गांव से अपने पिता के साथ यूपीपीसीएस द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी की परीक्षा देने बरेली पहुंची थी। बस से सैटेलाइट बस स्टैंड पर उतरने के कुछ देर बाद ही सीएनजी कंपनी सीयूजीएल के मिनी ट्रक की मामूली टक्कर से नगर निगम के जर्जर स्ट्रीट लाइट का पोल सीधे प्रियंका के सिर पर गिर गया। उनके सिर में गंभीर घाव हो गया। हाथ और पैर की हड्डी टूट गई।

दिमाग में चोट, नहीं आया होश

मंडे रात 11 बजे तक प्रियंका को होश नहीं आया था। उनके सिर में गंभीर चोटे हैं। इलाज कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि उनके सिर में भीतरी चोट है। कूल्हे, पैर और हाथ हड्डी में फ्रैक्चर है। उन्हें होश में आने में समय लग सकता है। दिमाग की भीतरी चोटों का ठीक होना जरूरी है। कूल्हे का फ्रैक्चर जुड़ने और उसमें मोशन आने में भी समय लगता है।

चारों बहन-भाइयों में सबसे होनहार

आईसीयू में जिंदगी से जूझ रही प्रियंका के दो भाई और एक बहन है। प्रियंका सबसे बड़ी है और पढ़ाई में सबसे होनहार भी। पिता विजय बहादुर बताते हैं कि प्रियंका अभी टिहरी के जीजीआईसी में फिजिक्स की गेस्ट फैकल्टी है। उनकी तमन्ना है कि वह किसी ऊंचे पद पर बैठे। इसी लक्ष्य को लेकर वह लगातार तैयार कर रही है। प्रियंका का छोटा भाई राहुल केमिस्ट्री से एमएससी कर रहा है। जबकि बहन श्वेता फिजिक्स से एमएससी कर रही है। वहीं सबसे छोटा भाई अमित बीए का स्टूडेंट है।

डायल 100 पर कॉल नहीं लगी

पिता विजय बहादुर ने बताया कि प्रियंका के घायल होने के बाद उन्होंने कई बार 100 नंबर डायल किया लेकिन कॉल पिकअप नहीं हुई। इसी दौरान सैटेलाइट बस स्टेशन चौकी पर तैनात दो पुलिसकर्मी पहुंच गए। उनका कहना है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने भगवान की तरह उनकी मदद की। एम्बुलेंस बुलाकर प्रियंका को अस्पातल भिजवाया।

फिलहाल हमारी प्राथमिकता बेटी का तबीयत है। तबीयत में सुधार आने के बाद हम वकीलों से सलाह करके दोषी अफसरों के खिलाफ मुकदमा जरूर करेंगे।

- पिता विजय बहादुर