इन वैज्ञानिकों ने 2,000 लोगों पर अध्ययन किया था.

अमरीका के एक छोटे से शहर में किए अपने अध्ययन में उन्होंने पाया कि दोस्तों का डीएनए अजनबियों की तुलना में औसतन 0.1% ज़्यादा मिलता है.

आंकड़ा छोटा है लेकिन ये उतनी ही समानता है जितनी चौथी पीढ़ी के रिश्तेदारों में होती है. ये शोध  पीएनए में प्रकाशित हुआ है.

पांच लाख मार्कर का विश्लेषण

शोधकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया में आनुवांशिकी के प्रोफ़ेसर जेम्स फ़ॉलर कहते हैं, "मुझे लगता है कि ये असामान्य नतीजे हैं और इस तरह के नतीजों की वैज्ञानिक आलोचना करते हैं."

मिलते हैं दोस्तों के डीएनए!

ये नतीजे इसलिए उपयोगी थे क्योंकि इनमें शामिल लोगों के डीएनए सैंपल तो लिए ही गए थे उनसे ये भी पूछा गया था कि उनके क़रीबी दोस्त कौन हैं.

प्रोफ़ेसर फ़ॉलर बताते हैं, "कई ऐसे लोग जो आपस में दोस्त थे इस अध्ययन में शामिल थे."

'पूर्वधारणा पर आधारित'

मिलते हैं दोस्तों के डीएनए!

हालांकि ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर इवान चर्नी का कहना है कि इस तरह का विश्लेषण तभी काम करता है जब अध्ययन में शामिल लोगों में से कोई भी एक दूसरे का रिश्तेदार न हो, जिसकी पुष्टि मुश्किल है.

वो कहते हैं, "ये अध्ययन उस पूर्वधारणा पर काम करते हैं कि आप हज़ारों लोगों को देख रहे हैं, लेकिन उनमें आपस में कोई संबंध नहीं है."

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