RANCHI: जमशेदपुर पुलिस ने बैंक से करीब 50 लाख रुपए फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी करने के मामले का पर्दाफाश कर दिया है। ठगों ने पवन कुमार पोद्दार की कंपनी के अकाउंट से लगभग 10 लाख रुपए भी निकाल लिए। लेकिन, पुलिस को जैसे ही सूचना मिली बाकी बचे पैसे को बैंक में फ्रीज कर दिया गया। मामले में पुलिस ने चार को गिरफ्तार किया है। वहीं, पांचवां आरोपी फरार है।

क्या है मामला

वादी पवन कुमार पोद्दार की कंपनी हरिओम स्पेल्टर्स प्राईवेट लिमिटेड का बैंक ऑफ बड़ौदा, साकची में अकाउंट है। कंपनी का एकाउंटेंट नवीन फर्जी हस्ताक्षर कर चेक के माध्यम से आरटीजीएस कर बैंक ऑफ इंडिया के फर्जी अकाउंट में 49,60,000 रुपए ट्रांसफर करवा देता है। इसी बीच ये सारे ठग 9 लाख 60 हजार रुपए निकाल भी लेते हैं। वहीं, मोबाईल नेटवर्क कंपनी को धोखा देकर वादी पवन कुमार पोद्दार की मोबाईल को दो घंटे के लिए ब्लॉक करवा देते हैं, ताकि ट्रांजैक्शन की जानकारी देर से मिले। दो घंटे तक मोबाईल बंद रहने के बाद जब चालू होता है, तब पवन पोद्दार की परेशानी और बढ़ जाती है। उनके मोबाईल पर 9 लाख 60 हजार के ट्रांजैक्शन का मैसेज आता है। इससे उनके होश उड़ जाते हैं और वे पुलिस को खबर करते हैं।

फर्जी साइन कर ठगी

साकची थाने में धारा 467, 468, 471, 420, 120 के तहत प्राथमिकी दर्ज होती है और एक विशेष पुलिस दल का गठन किया जाता है। अनुसंधान के क्रम में पुलिस पोद्दार की कंपनी के अकाउंटेट नवीन को आदित्यपुर से गिरफ्तार करती है, उसके बाद उसकी बहन नीलम को भी पुलिस पकड़ती है। पूछताछ के बाद बाकी दो भी पकड़ में आते हैं। कांड में फरार आरोपी अमित कुमार श्रीवास्तव है जो पोद्दार की कंपनी का ही कर्मचारी है।

बैंककर्मियों की भूमिका संदिग्ध

पुलिस इस मामले में बैंककर्मियों की भूमिका को भी संदेह से देख रही है, क्योंकि इतनी बड़ी निकासी के बावजूद सब कुछ इतनी आसानी से कैसे हुआ और फर्जी सिग्नेचर क्यों बैंक में पकड़ में नहीं आए