- चीफ वार्डन को छोड़ एक भी आरोपी तक नहीं पहुंच सकी पुलिस

- सत्ता पक्ष के कई मंत्री आरोपियों की पैरवी में जुटे

मेरठ। बीआईटी छात्र कल्पित की मौत के मामले में पुलिस इंस्टीटयूट की ताकत के सामने दबाव में दिख रही है। चार दिन बाद भी मौत के लिए जिम्मेदार आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। महज रस्म अदायगी के तौर पर एक आरोपी को जेल भेजा है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे पुलिस पर भारी दबाव है। सत्ता पक्ष के दो पक्ष मंत्री और कई प्रभावशाली लोग आरोपियों की ओर से पैरवी में जुटे हैं।

पुलिस को गम नहीं

बिजनौर के नजीबाबाद आरसी पुरम निवासी कल्पित त्यागी परतापुर बाईपास स्थित भारत इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नालॉजी में बीटेक मैकेनिक का छात्र था। कल्पित ने शुक्रवार को इंस्टीटयूट परिसर स्थित हॉस्टल में रैगिंग व प्रबंधन के उत्पीड़न से तंग आकर फांसी लगा ली थी। कल्पित की मौत के बाद काफी बवाल हुआ था। इस मामले में रजिस्ट्रार केपी सिंह, चीफ वार्डन आशीष तायल व चौदह छात्रों समेत सोलह लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने एक मात्र आरोपी चीफ वार्डन को जेल भेजा था। चार दिन बाद भी अन्य किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

खुलेआम घूम रहे आरोपी

आरोपी छात्र खुलेआम घूम रहे हैं और बराबर दबाव बना रहे हैं। कहते तो यहां तक हैं कि अधिकांश आरोपी क्षेत्रीय होने के चलते पुलिस पर दबाव बनवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। शायद यही वजह है कि पुलिस आरोपियों को पकड़ने में कोई रुचि नहीं ले रही है। एसओ परतापुर सुरेंद्रनाथ का कहना है कि आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है। उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी।

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हॉस्टल के छात्रों के दर्ज हुए बयान

केस के विवेचक वचन सिंह सिरोही ने पिता के बयान दर्ज करने के बाद सोमवार को हॉस्टल व सहपाठी कुछ छात्रों के बयान दर्ज किए। इस दौरान कमरे में खुदकुशी के वक्त हॉस्टल में मौजूद थे। उन छात्रों के भी कलमबंद बयान दर्ज किए गए हैं। पिता ने बयानों में पुत्र को उनके ही सामने पीटने के आरोप लगाए। यहां तक आरोपित किया कि रजिस्ट्रार ने उनके सामने ही बेटे कल्पित को पीटा।

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