- वीआईपी रोड हिट एंड रन में पुलिस ने आरोपी की बैक डोर से मदद की

-हल्की धारा में रिपोर्ट दर्ज होने से लोहा व्यापारी का आसानी से मिल गई बेल

KANPUR : वाईआईपी रोड में हुए हिट एंड रन में पुलिस भले ही ड्राइवर की एंट्री नहीं कर पाई है, लेकिन पुलिस ने हल्की धारा में कार्रवाई कर 'खेल' कर दिया है। लापरवाही जैसी मामूली धारा में रिपोर्ट दर्ज होने से आरोपी लोहा व्यापारी को कोर्ट से आसानी से जमानत मिल गई।

बैकफुट पर आना पड़ा

वीआईपी रोड पर गुरुवार देर रात को तेज रफ्तार कार ने मिस्टर ब्राउन बेकरी के सिक्योरिटी गार्ड और एक अन्य कर्मचारी को रौंद दिया था। कार लोहा व्यापारी वरुण गुप्ता की थी। वह दोस्त के साथ कार में बैठा था। हादसे में सिक्योरिटी गार्ड की मौके पर मौत हो गई, जबकि कर्मचारी अस्पताल में एडमिट है। पुलिस ने लोहा व्यापारी को मौके से पकड़ लिया था, जबकि उसका दोस्त भाग गया था। पुलिस ड्राइवर की एंट्री कराकर लोहा व्यापारी को बचाना चाहती थी। इसके लिए लोहा व्यापारी ने ड्राइवर और पुलिस के साथ मिलकर स्क्रिप्ट तैयार कर ली थी। पुलिस ने अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कर 'खेल' की शुरुआत भी कर दी थी, लेकिन सोशल मीडिया में मामले के वायरल होने से पुलिस को बैकफुट में आना पड़ा। पुलिस ने वरुण का चालान कर उसको कोर्ट भेज दिया।

बैक डोर से आरोपी की मदद की

वायरल हुए वीडियो से साफ पता चला है कि कार सवार बेहद लापरवाही से गाड़ी चला रहे थे। स्पीड भी बहुत तेज थी। लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने साधारण एक्सीडेंट की धारा 304 ए, 279, 337 और 338 में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी की बैक डोर से मदद कर दी। मामूली धारा में कार्रवाई होने से आरोपी को आसानी से बेल मिल गई।

304 ए (2) के तहत कार्रवाई करनी चाहिए

सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक कार सवार बेहद लापरवाही से गाड़ी चला रहे थे। करीब दो साल पहले वीआईपी रोड में हीरा कारोबारी की कार से ऐसा हादसा हुआ था। इसमें एक बुजुर्ग की मौत हुई थी। इस हादसे में पुलिस ने 304 ए (2) की धारा में कार्रवाई की थी। पुलिस को इस मामले में भी इसी धारा में कार्रवाई करनी चाहिए। इस धारा में मुकदमा सेशन कोर्ट में चलता है। इस धारा का आशय है कि जानबूझकर वह काम करना। जिससे किसी की मौत हो सकती है। इसमें दस साल की सजा का प्रावधान है।

आरोपी की कोई मदद नहीं की गई है। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। अगर जांच में कोई नया तथ्य सामने आता है, तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

धर्मेद्र सिंह, कोतवाली इंचार्ज