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मन में यदि कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो फिर पहाड़ सरीखा लक्ष्य भी बौना साबित होता है। सब मुश्किलें तब और भी आसान हो जाती है जब साथ पर साथ मिलता जाता है। उत्साहवर्धन और प्रशंसा की कॉम्प्लेमेंट्री ने सफलता की नई इबारत गढ़ दी। मेडिकल-हेल्थ सेक्टर में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाले पैथालॉजिस्ट डॉ। विनय कुमार पाठक ऐसे ही हैं जिन्होंने बेहद कम समय में सफलताओं के शिखर को छुआ। यही कारण रहा कि आज बनारस ही नहीं बल्कि समूचे पूर्वाचल, बिहार तक के मरीजों का सफल इलाज करने वाले गैलेक्सी हॉस्पिटल महमूरगंज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। तीन दशक से भी अधिक समय से जांच में महारथ हासिल करने वाले डॉ। पाठक की मेहनत, ईमानदारी व लगन को देखते हुए ही उन्हें साल 2010 में गैलेक्सी हॉस्पिटल के स्थापना के समय से साथ जोड़ा गया। डॉ। पाठक की खासियत यह है कि जटिल से जटिल रोगों की जांच इनके हाथों ही पॉसिबल है। शुरूआती दिनों में परिश्रम की कठिन डगर से वाकिफ डॉ। पाठक को गैलेक्सी हॉस्पिटल ने ठहराव दिया तो उन्होंने भी हॉस्पिटल को ख्यातिलब्ध बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

भगवान के खून से हुई शुरूआत

मूल रूप से जौनपुर, केराकत के कनुआनी गांव निवासी डॉ। विनय कुमार पाठक बताते हैं कि ग्रामीण परिवेश में पला बढ़ा, कम संसाधन में बेहतर काम करने ललक थी। हाईस्कूल की पढ़ाई के बाद बनारस आया। गवर्नमेंट क्वींस कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद इलाहाबाद पहुंचा। यहीं से मेडिकल की पढ़ाई पूरी हुई। एमबीबीएस, एमडी पैथालॉजिस्ट करने के बाद वापस बनारस आया। 1984 में विशेश्वरगंज स्थित पोस्ट ऑफिस के सामने क्लीनिक खोल प्रैक्टिस शुरू की। पड़ाव आश्रम स्थित अवधूत राम भगवान बाबा के ब्लड से पहली जांच शुरू की। बाबा का पुण्य प्रताप, आशीर्वाद मान लीजिए कि जिस भी ब्लड का जांच हाथ में आता है उसकी रिपोर्ट पर फिर संदेह कोई नहीं करता।

कम दर पर, अधिक सुविधाएं देना ही मकसद

गैलेक्सी हॉस्पिटल महमूरगंज में बतौर परामर्श चिकित्सक डॉ। विनय कुमार पाठक बताते हैं कि पैथालॉजी में आने का मकसद बस एक ही था कि कम दर पर मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना। जांच रिपोर्ट क्लीयर होनी चाहिए, इस पर पूरा फोकस रहता था। डॉ। पाठक बताते हैं कि 1984 से 1990 तक वीएस मेहता हॉस्पिटल में भी 500 रुपये पर काम शुरू किया। चैरिटी हॉस्पिटल में पैसा मायने नहीं था, खुशी इस बात से होती थी कि हमारे परामर्श की वजह से मरीज ठीक हो रहा हो। गम और दुखों के लिबास में लिपटे मरीजों के चेहरे पर जब खुशी दिखती है तो समझ में आता है कि हमारा काम बेहतर हो रहा है। शुरूआत से अब तक सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेने की आदत बनी हुई है।

फैमिली की तरह है गैलेक्सी

डॉ। पाठक बताते हैं कि गैलेक्सी हॉस्पिटल महज एक हॉस्पिटल ही नहीं है, बल्कि एक परिवार है। अपनी ही बात नहीं कर रहा। यहां इलाज के लिए आने वाले पेशेंट और तीमारदार भी यही महसूस करते हैं। परिवार के सदस्यों की तरह यहां मरीजों का देखभाल किया जाता है। चिकित्सकों, कर्मचारियों के व्यवहार का असर भी है कि यहां मरीज तो आते हैं कराहते हुए लेकिन जब विदा होते हैं तो चेहरे पर मुस्कान लिए। कम दर पर बेहतर इलाज की सुविधाएं गैलेक्सी में मुहैया हो रही हैं।

नाम- डॉ। विनय कुमार पाठक

पद- परामर्श चिकित्सक, गैलेक्सी हॉस्पिटल महमूरगंज

शिक्षा- एमबीबीएस, एमडी पैथालॉजी

पत्‍‌नी- मीनाक्षी पाठक

बेटा- अनुराग पाठक

बेटी- श्रुति

पसंदीदा प्लेस- बनारस

पसंदीदा खाना- इंडियन फूड

पसंदीदा मूवी- साहब बीबी और गुलाम

पसंदीदा गाड़ी- मारूति स्विफ्ट

अचीवमेंट

-1998 में एफआईएमएस की ओर से फेलोशिप अवार्ड

-अग्रसेवा सेवा संस्थान में विशेष योगदान

-संकल्प संस्था में विशेष योगदान

-आईएमए में कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित कर चुके हैं

-रोटरी क्लब मिडटाउन में विशेष सेवा सहयोग

-बंगीय समाज सेवा के तहत सेवा कार्य में योगदान

-अवधूत राम भगवान आश्रम से जुड़कर कई सामाजिक कार्यो में योगदान