- जिले के 10 स्कूली वाहनों को किया बंद

- छुट्टी का असर दिखा, अभियान है जारी

आगरा। मौत के स्कूली वाहनों पर शुक्रवार से परिवहन विभाग की नजरें तिरछी हुईं। एक ही दिन में पूरे मंडल में 50 स्कूली वाहनों की जांच पड़ताल की गई। इनमें 25 वाहन ऐसे मिले, जो मानकों में खरे नहीं उतरे और उन्हें बंद कर दिया गया। वहीं 25 वाहनों को चालान करके छोड़ दिया गया। जिले में ही सिर्फ 13 स्कूली वाहनों की धरपकड़ की गई। ये कार्रवाई तब की गई, जब सभी स्कूलों में 8वीं कक्षा तक अवकाश है।

मंडल भर में तीन टीमें घूमती रहीं

एटा में मासूमों की जान लीलने के बाद कंडम और अफिट स्कूली बसों पर कड़ाई से कार्रवाई का फरमान जारी हुआ। इसके बाद आगरा मंडल और जिला परिवहन विभाग की टीम स्कूल बसों को पकड़ने सड़कों पर उतरी। तीन टीम बनाकर मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के स्कूली बसों-वैनों पर धरपकड़ शुरू की गई।

बस और वैनों की फिटनेस खराब

तीनों टीमों को 50 स्कूली वाहनों में खामियां मिलीं। इनमें परमिट, फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस और ओवरलोड पर कार्रवाई की गई। हालांकि स्कूलों बंद होने से सड़कों पर स्कूल बस और वैन भी बहुत कम दिखे। इसका असर भी कार्रवाई पर दिखाई दिया।

सड़कों पर नहीं दौड़ी बसें

परिवहन आयुक्त के फरमान का असर जितना विभाग के अधिकारियों में नहीं दिखा, उससे कहीं ज्यादा स्कूली वाहनों पर देखने को मिला। दोपहर को 2 से 3 बजे तक स्कूली बच्चों के वाहनों से जाम रहने वाली सड़क हरिपर्वत चौक से लेकर सूरसदन तक एक भी गाडि़यां नजर नहीं आईं। भगवान टॉकीज, दयालबाग जैसे इलाकों में स्कूली वाहन नदारद रहे।

अभिभावक करें शिकायत

परिवहन अधिकारी ने स्कूली बसों को नॉ‌र्म्स के तहत अपडेट करने के साथ अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरूरत है। वे स्कूली वाहनों को चेक करके ही बच्चों को भेजें। किसी तरह की शिकायत हैं, तो कंप्लेन करें। वहीं स्कूल प्रबंधन को भी स्कूली वाहनों के संचालन में ध्यान देना होगा। ना‌र्म्स के तहत बसों को फिट करें और ड्राइवर जांच-पड़ताल करके ही नियुक्त करें।