- 350 शिकायतें आ चुकी हैं बीते 3 सालों में

- 2 बार अवैध कोचिंग के खिलाफ चल चुका है अभियान

- 60 कोचिंग का किया जा चुका है निरीक्षण

- 200 अवैध कोचिंग पर शिकंजा कसने की तैयारी

- 3000 अवैध कोचिंग संस्थानों पर होगी कार्रवाई समूचे प्रदेश में

- 5 सदस्यीय टीम अवैध कोचिंग पर रखेगी निगरानी

- 70 कोचिंग का है जिले में पंजीकरण

- 20 कोचिंग का है देहात में पंजीकरण

- 50 कोचिंग पंजीकृत हैं शहर में

Meerut । शहर के गली-कूचों में कई अवैध कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं। कोई फर्राटेदार इंग्लिश सिखाने का दावा करता है तो कोई आईएएस और आईपीएस क्वालीफाई करने का दावा करता है। हालत यह हैं कि इंजीनियर और डॉक्टर गली-गली बनाए जा रहे हैं। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग की गांव तक में भरमार है। लेकिन इन अवैध कोचिंग के खिलाफ शासन अलर्ट हो गया है। शासन ने अब अवैध कोचिंगों पर कैंची चलाने का निर्देश दिया है।

कसा जाएगा शिकंजा

शासन ने सभी डीआईओएस को अपने जिलों में अवैध कोचिंगों के खिलाफ अभियान चलाने को निर्देश दिया है। लिहाजा डीआईओएस ने भी कमर कस ली है। विभाग में अवैध कोचिंगों के खिलाफ टीम बनाने की तैयारी हो रही है। टीम में 5 मेम्बर को नियुक्त किया जाएगा, इसके लिए विभाग में चयन प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही टीम बनाकर जुलाई से अभियान चलाया जाएगा। अभियान में कोचिंग में जाकर उनकी जांच पड़ताल की जाएगी।

शासन के सख्त आदेश

डीआईओएस कार्यालय के मुताबिक जिले में महज 70 कोचिंग संस्थानों ने पंजीकरण कराया है। जिनमें से 20 कोचिंग सेंटर तो ग्रामीण इलाकों के हैं। यह कोचिंग संस्थान धड़ल्ले से संचालित है जो फीस के नाम पर बच्चों के अभिभावकों की जेब ढीली कर रहे हैं। हालत यह है कि अधिकांश कोचिंग संस्थानों में बैठने के लिए ना पर्याप्त फर्नीचर है और ना ही शुद्ध पेयजल। हालांकि शासन के निशाने पर यूपी के ऐसे 3 हजार और मेरठ के 200 कोचिंग है, जिनकी लिस्ट विभाग को सौंपी गई है। इनपर पैनी नजर रखने व निरीक्षण कर सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है।

ये भी है शिकायतें

शासन के पास ये भी शिकायत है कि जिले के कुछ राजकीय और सहायता प्राप्त कॉलेजों के गणित,भौतिकी, रसायन और अंग्रेजी विषयों के प्रवक्ता तक कोचिंग संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कुछ शिक्षक तो ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष तौर पर पूरा इंस्टीट्यूट चला रहे हैं। उनमें पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की संख्या सैकड़ों में है।

350 शिकायतें, नहीं कार्रवाई

अगर जिले की बात करें तो इससे पहले भी लोकल लेवल पर अवैध कोचिंगो की शिकायतें विभाग के पास आई है। पिछले तीन सालों की बात करें तो विभाग के पास अभी तक साढ़े तीन सौ शिकायतें आ चुकी है। विभाग की तरफ से पिछले तीन सालों में दो बार अभियान चलाया जा चुका है, अभियान में 60 कोचिंग का निरीक्षण भी किया जा चुका है। लेकिन इनमें एक भी कोचिंग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जांच ठंडे बस्ते में ही पड़ी है।

वर्जन

कोचिंग संस्थानों के संचालकों को पंजीकरण कराने के लिए मौका दिया गया है। कुछ आवेदन आए हैं, उनकी जांच हो रही है। बिना पंजीकृत कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। जल्दी ही टीमें कोचिंग संस्थानों की चेकिंग करेंगी।

-श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस

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