मामला दर्ज कराने पर ही कार्रवाई

आइजी कमजोर वर्ग ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इन मामलों में कोई पीडि़ता या अन्य पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराए तभी कार्रवाई संभव है। ऐसे मामलों की सूचना यदि किसी भी थानाध्यक्ष या ओपी प्रभारी को किसी भी स्रोत मिलती है तो वह आवश्यक कार्रवाई को स्वतंत्र है।

शारीरिक संबंध बनाना भी अपराध

आइजी कमजोर वर्ग ने सर्वोच्च न्यायालय के उस केस का भी जिक्र किया है जिसमें कहा गया है कि 15 से 18 वर्ष की किशोरी के साथ यदि उसका पति भी शारीरिक संबंध स्थापित करता है तो उसे दुष्कर्म की श्रेणी में माना जाएगा। बता दें कि बिहार सरकार ने बाल विवाह और दहेज के खिलाफ पूरे राज्य में अभियान छेड़ रखा है। बीते 21 जनवरी को राज्य भर में मानव श्रृंखला बनाकर करोड़ों लोगों ने बिहार सरकार की इस मुहिम का पुरजोर समर्थन किया है। ऐसे में कम उम्र की लड़कियों के साथ विवाह करने वालों की नकेल कसने के लिए इस तरह के निर्देश जारी किए गए हैं।