विषय वस्तु पर ध्यान दें
फिक्की फ्रेम्स सम्मेलन 2015 को संबोधित कर रहे मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान ने बच्चों को लेकर चिंता व्यक्त की. उनका मानना है कि बच्चों के लिये अलग फिल्में तथा सीरियल बनाकर मनोरंजन उद्योग को राष्ट्र निर्माण में सहयोग देना चाहिये, क्योंकि वर्तमान में बच्चों के लिये कोई खास कंटेंट नही हैं. उनके लिये टीवी व फिल्मों कुछ नहीं दिया जा रहा है. जिससे बच्च्ो बडे़ लोगों के सीरियल और फिल्में देखने को मजबूर हैं. आमिर ने कहा, अगर आप बच्चों के लिए विषय वस्तु पर ध्यान दें, तो यह लगभग नगण्य है और मुझे लगता है यह बहुत भयावह स्थिति है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा, लगभग 80 फीसदी बच्चे वास्तव में वह विषय वस्तु नहीं देखते, जो खासतौर से उनके लिए बनाई गई है. वे वह देखते हैं, जो उनके माता-पिता देख रहे हैं.

अपनी पसंद की चीजे तलाशते
बच्चों के कंटेंट को लेकर आमिर खान हमेशा ही चूजी रहे हैं. ‘तारे जमीं पर’ जैसी संवेदनशील फिल्म का निर्देशन करने वाले अभिनेता-निर्माता आमिर खान का कहना है कि बच्चे भी अपनी पसंद की चीजे तलाशते हैं. इसके साथ ही वह यह कहते हैं कि बच्चे देश का भविष्य होते है. ऐसे में उन्हें मनोरंजन उद्योग बच्चों को स्वस्थ और शुद्ध विषय वस्तु देकर देश के विकास में योगदान कर सकता है. उद्योग में हमारे सामने बहुत से अवसर हैं. हम भारत का सामाजिक ताना-बाना बुन सकते हैं. इससे देश और बच्चों दोनों का भविष्य उज्ज्वल होगा. गौरतलब है कि आमिर खान की फिल्म तारे जमीं पर बच्चों को काफी पसंद आयी थी. इस फिल्म में आमिर ने एक टीचर की भूमिका निभायी है.

विषय वस्तु पर ध्यान दें
फिक्की फ्रेम्स सम्मेलन 2015 को संबोधित कर रहे मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान ने बच्चों को लेकर चिंता व्यक्त की. उनका मानना है कि बच्चों के लिये अलग फिल्में तथा सीरियल बनाकर मनोरंजन उद्योग को राष्ट्र निर्माण में सहयोग देना चाहिये, क्योंकि वर्तमान में बच्चों के लिये कोई खास कंटेंट नही हैं. उनके लिये टीवी व फिल्मों कुछ नहीं दिया जा रहा है. जिससे बच्च्ो बडे़ लोगों के सीरियल और फिल्में देखने को मजबूर हैं. आमिर ने कहा, अगर आप बच्चों के लिए विषय वस्तु पर ध्यान दें, तो यह लगभग नगण्य है और मुझे लगता है यह बहुत भयावह स्थिति है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा, लगभग 80 फीसदी बच्चे वास्तव में वह विषय वस्तु नहीं देखते, जो खासतौर से उनके लिए बनाई गई है. वे वह देखते हैं, जो उनके माता-पिता देख रहे हैं.

 

अपनी पसंद की चीजे तलाशते
बच्चों के कंटेंट को लेकर आमिर खान हमेशा ही चूजी रहे हैं. ‘तारे जमीं पर’ जैसी संवेदनशील फिल्म का निर्देशन करने वाले अभिनेता-निर्माता आमिर खान का कहना है कि बच्चे भी अपनी पसंद की चीजे तलाशते हैं. इसके साथ ही वह यह कहते हैं कि बच्चे देश का भविष्य होते है. ऐसे में उन्हें मनोरंजन उद्योग बच्चों को स्वस्थ और शुद्ध विषय वस्तु देकर देश के विकास में योगदान कर सकता है. उद्योग में हमारे सामने बहुत से अवसर हैं. हम भारत का सामाजिक ताना-बाना बुन सकते हैं. इससे देश और बच्चों दोनों का भविष्य उज्ज्वल होगा. गौरतलब है कि आमिर खान की फिल्म तारे जमीं पर बच्चों को काफी पसंद आयी थी. इस फिल्म में आमिर ने एक टीचर की भूमिका निभायी है.

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