माघ मेले की घटना से लिया सबक

स्वास्थ्य विभाग ने कुंभ के लिए बनाई योजना

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ALLAHABAD: संगम की रेत पर गत वर्ष आयोजित माघ मेले के दौरान संविदा पर कार्यरत सफाईकर्मियोंको भुगतान नहीं किया गया था तो पूरा एक दिन मेले की सफाई व्यवस्था ठप हो गई थी। विभागीय अधिकारियों द्वारा मान मनौव्वल का दौर चला तब जाकर दूसरे दिन सफाई व्यवस्था दुरुस्त हुई। इस प्रकरण से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अगले वर्ष होने वाले कुंभ मेला में नकद भुगतान देने की व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया है। कुंभ के दौरान न केवल संविदा कर्मचारियों को बल्कि ड्यूटी के लिए डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टॉफ के एकाउंट में सीधे पैसा भेजा जाएगा।

छह हजार एकाउंट में ट्रांजेक्शन

कुंभ मेला के दिव्य आयोजन के लिए सभी विभागों की ओर से तैयारियां जोरों पर की जा ही है। स्वास्थ्य विभाग ऐसा पहला विभाग बन गया है जिसने कुंभ के दौरान डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है। डिजिटल ट्रांजेक्शन के अन्तर्गत चाहे हास्पिटल में तैनाती के लिए लगाए जाने वाले डॉक्टर्स हो या पैरामेडिकल स्टॉफ या फिर संविदा सफाई कर्मचारी हो। सभी का एटीएम, आरटीजीएस व नेफ्ट के जरिए भुगतान किया जाएगा। इन सभी की कुल संख्या छह हजार होगी। इसके लिए सितम्बर माह तक सभी का एकाउंट नम्बर अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के रजिस्टर्ड में दर्ज कराने की योजना बनाई गई है।

चार हजार की फौज

कुंभ मेला के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार हजार संविदा सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। जिनके उपर मेला क्षेत्र में बनाए जाने वाले बीस सेक्टरों को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी होगी। विभाग के डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टॉफ के अलावा खासतौर से संविदा वालों का एकाउंट नम्बर भी अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के रजिस्टर्ड में दर्ज कराने की योजना बनाई गई है।

423

विशेषज्ञ डॉक्टर्स की तैनाती की जाएगी

100

बेड का होगा मेन हॉस्पिटल

11

सर्किल हास्पिटल बनाए जाएंगे

1509

पैरामेडिकल स्टॉफ की होगी तैनाती

4000

संविदा सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी

20

सेक्टरों में साफ-सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी होगी

कुंभ मेला के दौरान नकद भुगतान की व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। डिजिटल ट्रांजेक्शन की व्यवस्था को लागू करने का मकसद इतना ही है कि भुगतान को लेकर किसी भी तरह का संकट ना खड़ा हो और प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जा सके। अटेंडेंस के लिए बायोमिट्रिक व्यवस्था रहेगी।

डॉ। वीके सिंह,

अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण