RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में एडमिशन फीस के चालान की जांच करने का भी आदेश दिया है। ज्ञात हो कि फर्जी चालान से एग्जामिनेशन फीस जमा लेने का मामला प्रकाश में आने के बाद कमेटी का गठन किया गया है। जो कॉलेज में लिए जाने वाले एग्जामिनेशन फीस के साथ ही एडमिशन फीस के चालान की भी जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी।

फर्जीवाड़े की जांच कर रही कमिटी

रामलखन सिंह यादव कॉलेज में हुए फर्जीवाडे़ की जांच कॉलेज की कमेटी कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद पता चल जाएगा कि इस तरह के फर्जी चालान के माध्यम से कब से एग्जामिनेशन और एडमिशन फीस लिया जा रहा है। कमेटी के एक मेंबर के अनुसार लाखों रुपए की हेराफेरी की गई है। वीसी डॉ.रमेश पांडे ने रविवार को कहा कि आरयू प्रशासन द्वारा कॉलेज मैनेजमेंट को दिशा निर्देश दे दिया गया है। ये गंभीर मामला है। दोषियों को चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही उनपर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

पहली बार आया ऐसा मामला

रांची यूनिवर्सिटी के किसी कॉलेज में इस तरह के फर्जीवाडे़ का मामला पहली बार प्रकाश में आया है। कॉलेज का ऑडिट हो रहा था। इस दौरान फर्जीवाड़े का ये मामला सामने आया है। वहीं स्टूडेंट्स भी दलाल के चक्कर में पड़कर अपने हजारो रुपए गंवा चुके है।

जेपीएससी से नियुक्त टीचरों ने आरयू प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जेपीएससी के माध्यम से ख्008 में नियुक्त टीचरों की सेवा नियमित करने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं इस बैच के शिक्षकों का ग्रेड पे भी बढ़ाकर छह से सात हजार रुपए नहीं किया जाएगा। इस बैच की नियुक्ति में अनियमितता मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सेवा नियमित करने से इनकार के बाद टीचरों ने रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

चार साल से इंतजार

रविवार को जेएन कॉलेज धुर्वा में टीचरों की बैठक हुई। डॉ.राजकुमार ने कहा कि रांची यूनिवर्सिटी को छोड़कर बाकी के चार यूनिवर्सिटी में ख्008 बैच के टीचरों की सेवा नियमित कर दी गई है। रांची यूनिवर्सिटी के टीचर सात साल से सेवा नियमित होने का इंतजार कर रहे है। रांची यूनिवर्सिटी को छोड़कर अन्य यूनिवर्सिटियों में ग्रेड पे भी सात हजार रुपए कर दिया गया है। टीचरों ने कहा कि इस मामले में पहले राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद आंदोलन की घोषणा की जाएगी।