दूसरे ही दिन बढ़ गए छह हजार बच्चे
आठवीं बोर्ड की परीक्षा 20 फरवरी को शुरू हुई थी। इस दिन विभिन्न जिलों से आयी नामांकित छात्रों की संख्या 5,34,126 थी। दूसरी ही दिन यानी 21 फरवरी को भेजे गये प्रतिवेदन का संकलन किया गया, तो आंकड़ा 6047 हो गया। इसके बाद तीसरे दिन यह आंकड़ा 10293 बढ़ा हुआ पाया गया। चौथे दिन आंकड़ा 352 घट गया। विभाग ने जब आंकड़ों का अध्ययन किया, तो नामांकित छात्रों की संख्या में गड़बड़ी पायी गयी।

डीईओ-डीएसई दें रिपोर्ट
इसके बाद विभागीय प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सभी जिलों के डीईओ और डीएसई को पत्र लिखा। श्री सिंह ने 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट' से बातचीत करते हुए कहा कि हर जिले से वास्तविक आंकड़ा मंगवाया गया है। पिछले तीन दिनों से छुट्टी का माहौल था, इसलिए अभी सारे आंकड़े कंपाइल नहीं हो सके हैं। जल्द ही 'एक्चुअल नंबर्स' पता चल जाएगा, जिसके बाद जिम्मेवारी तय की जाएगी।

छह जिलों के आंकड़ों में ज्यादा फर्क
प्रधान सचिव के पत्र में साफ कहा गया है कि छह जिले, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, हजारीबाग, खूंटी और साहेबगंज के प्रतिवेदन में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या में ज्यादा अंतर पाया गया है। सचिव ने इन आंकड़ों को विश्वसनीय नहीं माना है। उन्होंने प्रखंडवार समीक्षा करने का निर्देश देते हुए कहा है कि एनरॉल्ड स्टूडेंट्स के आंकड़ों में फर्क नहीं होना चाहिए। अगर ऐसी लापरवाही पायी गई, तो इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की जाएगी।