- मई मिड तक चुनावी माहौल के कारण लेट हो सकती है एलयू की एडमिशन प्रक्रिया

- नियमानुसार 15 जुलाई से किसी भी हाल में शुरू होना है नया सेशन

LUCKNOW: इस बार चुनाव का असर लखनऊ यूनिवर्सिटी और उससे एफिलिएटेड कॉलेजों के एडमिशन प्रोसेस पर पड़ेगा। मई में लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने तक एडमिशन की प्रक्रिया से जुड़े ज्यादातर अधिकारी चुनाव में व्यस्त रहेंगे। पिछले सालों में एडमिशन से संबंधित प्लानिंग मई तक हो जाया करती थी। ऐसे में इससे जुड़े नये नियम, नये कॉलेजों और सीटों की संख्या में कितनी बढ़ोत्तरी होगी, यह तो स्टूडेंट्स को पता लग ही जाता था। इस समय तो कोई यह भी बताने को तैयार नहीं है कि एडमिशन प्रक्रिया में क्या बड़े बदलाव होंगे।

नियमों की मानें तो

पिछले कुछ वर्षो में सिटी की यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया किसी न किसी कारण से लेट होती रही है। यूनिवर्सिटी अपने ओर से पूरी कोशिश कर ले, इसके बाद भी वह समय से अपनी एडमिशन की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रही है। एलयू में क्भ् जुलाई से नया सेशन शुरू होने का नियम है, जानकारों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की ओर से लागू ऑनलाइन सिस्टम प्रक्रिया इसके लिए एक बड़ा कारण हो सकता है। सिटी के आसपास रहने वाले कई स्टूडेंट्स ऑनलाइन सिस्टम से दूरी बनाकर रखते हैं। जिसका खामियाजा यूनिवर्सिटी को उठाना पड़ रहा है।

डिसीजन कैसे लेंगे स्टूडेंट्स

क्ख्वीं के रिजल्ट का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स कॉलेजों में एडमिशन शुरू हो जाने के काफी पहले से इसकी पूछताछ शुरू कर देते हैं। स्टूडेंट्स काफी पहले ही तय कर लेते हैं कि उन्हें कहां एडमिशन लेना है और कहां नहीं। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने अभी तक केवल एडमिशन प्रक्रिया की जानकारी दी है। एडमिशन कैसे शुरू होगा, फॉर्म कब से जारी होंगे और किन कोर्सेस में कितनी सीटें हैं, इसकी कोई भी जानकारी नहीं है। यही हाल सिटी के सभी कॉलेजों का भी है।

कॉलेज कर रहे हैं टाइम की मांग

एडमिशन के लिए लम्बा टाइम नहीं दिए जाने से कॉलेज नाराज होते जा रहे हैं। कम समय में एडमिशन प्रक्रिया कराने के चक्कर में जिन कॉलेजों की सीटें खाली हो जाती हैं, वे यूनिवर्सिटी से बार-बार एडमिशन प्रक्रिया की डेट आगे बढ़ाने की मांग करते हैं। कॉलेजों का कहना है कि यूनिवर्सिटी तो हर हाल में अपनी सीटें भर लेता है, पर कुछ कोर्सेस जैसे बीए और पीजी लेवल के ऐसे हैं, जिसमें स्टूडेंट्स एडमिशन नहीं लेता है, उनकी सीटें खाली रह जाती हैं।

पिछले साल ऑनलाइन बना बवाल

लखनऊ यूनिवर्सिटी ने पिछले साल ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत की थी, पहली बार प्रक्रिया शुरू होने कारण यूनिवर्सिटी से उन स्टूडेंट्स को हाथ धोना पड़ा था जो सिटी के बाहरी हिस्सों में रहते हैं। वह एडमिशन के लिए आवेदन समय रहते नहीं कर पाए, साथ ही उन से ऑनलाइन फॉर्म भरते समय कोई गलती हो जाती तो स्टूडेंट्स सही कराने के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर काटने को मजबूर था। इसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं होती थी।

चुनाव के बाद जारी होगा नोटिफिकेशन

लखनऊ यूनिवर्सिटी की एडमिशन प्रक्रिया मई मिड के बाद से शुरू होनी है। यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव बीतने के एक सप्ताह के बाद यूनिवर्सिटी एडमिशन प्रक्रिया पर कोई ऑर्डर जारी करेगी। पिछले साल एडमिशन प्रक्रिया करीब तीन महीनों तक चली थी, ऐसे में इस बार यह प्रक्रिया कैसे एक मंथ में समाप्त होगी। जिसे देखते हुए क्भ् जुलाई से शुरू होने वाले नए सेशन पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

यह भी एक कारण

अप्रैल, मई और जून में सबसे ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं, पीएससी, बैंक, क्लैट, जेईई मेन्स समेत कई परीक्षाएं मई में होनी हैं। स्टूडेंट्स का मानना है कि एडमिशन प्रक्रिया इन एग्जाम के बाद हो तो ही बेहतर होता है।