- पालिका प्रशासन की कार्यवाही से क्षुब्ध होने पर उठाया कदम

- लंबित पड़े प्रस्तावों में वर्क आर्डर न दिए जाने जैसे प्रकरण

FATEHPUR : जनता की आवाज उठाने वाले सभासद अपने को खुद ठगा महसूस कर रहे हैं। बोर्ड प्रस्तावों में अमल न किए जाने से नाराज सभासद अब तहसील दिवस का दरवाजा खटखटाएंगे। समाधान न होने पर गेट में ताला डालकर कामकाज ठप्प करने की योजना बनाई है।

बोर्ड बैठक बैमकसद

सभासदों की आवाज की सुनवाई पालिका प्रशासन नहीं कर रहा है ऐसा आरोप जनता से चुनकर आए पालिका के सभासद सरेआम लगा रहे हैं। बोर्ड बैठकें बेमक्सद साबित हो रहीं हैं। बैठकों में पास किए जाने वाले प्रस्तावों को अमल में लाने के बजाए रद्दी की टोकरी में डाला जा रहा है। लंबे समय से पालिका के कामकाज पर अंगुली उठा रहे सभासदों ने अब तहसील दिवस में आवाज बुलंद करने का मन बना लिया है। यहां पर सुनवाई न होने पर गेट के सामने दरी बिछाकर कामकाज ठप करा देने की बात कर रहे हैं।

खफा हैं ख्0 सभासद

बोर्ड के सभासद नेता प्रतिपक्ष विनय तिवारी, शादाब खान, गोपाल रस्तोगी, माया पटेल, सरोज देवी, हाजी रजा, राहत आदि ख्0 सभासद पालिका की कार्यशैली से बेहद खफा हैं। उनका कहना है कि ऐसी बैठकों का क्या मतलब है। जिनमें उठाए गए ¨बदुओं पर अमल ही न हो। नवंबर और मार्च माह में हुई बैठकों में प्रस्तावों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। नाली, सड़क, खड़ंजा के प्रस्ताव पास हुए उनका वर्क आर्डर नहीं जारी हुआ। सभी सभासदों के कोटे में सौर ऊर्जा चलित सोडियम लाइटें नहीं लगाई गईं।

अधिकारी धन खर्च कर रहे

शासन से आने वाले धन को खर्च करने का बीड़ा अधिकारी उठाए हुए हैं। उनसे सहमति तक नहीं ली जाती है। खराब प्रकाश व्यवस्था को सुधारने के लिए स्काई लैब मशीन की खरीद नहीं हुई। बार बार मामला उठाने के बाद राहत नहीं दी जा रही है। ऐसे में लड़ाई लड़े जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचता है। उन सभी की मांग है कि या तो बोर्ड को भंग कर दिया जाए या फिर सभासदों की आवाज भी सुनी जाए।

चेयरमैन बोले

चेयरमैन चंद्र प्रकाश लोधी कहते हैं कि सभी की आवाज सुनी जा रही है। शहर में विकास कराया जा रहा है। देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जहां पर जरूरत पड़ी वहां पालिका की ओर से जवाब भी रखा जाएगा।