- वेडनेसडे को जैतीपुर के पास बाल-बाल बची उत्सर्ग एक्सप्रेस, टूटा ट्रैक देखकर ड्राइवर ने लगाई इमरजेंसी ब्रेक

- ट्रैक का हाल देखकर ट्रेन में सवार पैसेंजर्स बोले, अब सुरक्षित नहीं रहा रेल सफर, मजबूरी में बैठते हैं ट्रेन में

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KANPUR: कानपुर के माथे पर एक और रेल हादसे का दाग लगने से बच गया। करीब 37 किलोमीटर दूर उन्नाव के जैतीपुर स्टेशन के पास से गुजर रही उत्सर्ग एक्सप्रेस के पायलट ने अचानक झटका लगने पर सूझबूझ का परिचय देते हुए इमरेजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। हजारों पैसेंजर्स की सांसें अटक गई। पायलट ने नीचे उतकर देखा तो ट्रैक टूटा हुआ था। फिश प्लेट्स खुली पड़ी थीं। ट्रैक की हालत देखकर पैसेंजर्स भी कांप गए। जरा सी चूक हजारों पैसेंजर्स की जान पर भारी पड़ सकती थी। टै्रक टूटा होने की जानकारी मिलते ही कानपुर-लखनऊ के बीच रेल ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया।

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कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए

ट्रेन में सवार पैसेंजर्स ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान कहा कि आए दिन ट्रेन हादसे की खबर सुनकर अब तो बहुत डर लगता है। लखनऊ निवासी रिटायर्ड बैंक अधिकारी वीके सिंह कहते हैं कि पता नहीं रेलवे को क्या हो गया है? हर महीने एक एक्सीडेंट होता है या फिर ट्रेन हादसा होने से बाल-बाल बच जाती है। उन्नाव की प्रेमलता कहती हैं कि बहुत-बहुत डर-डरकर ट्रेन में बैठी थी, दिल घबरा रहा था कि कहीं कोई ट्रेन दुर्घटना न हो जाएये सोच ही रही थी कि अचानक ट्रेन जोर की आवाज के बाद रुक गई। जब लोगों से पूछा तो मालूम चला कि ट्रैक में गड़बड़ी की वजह से ट्रेन रोकी गई। कुछ ऐसे ही डरी-सहमी आवाज में किदवई नगर विनोद सिंह, राकेश मिश्र और स्वाति शर्मा ने कहा कि ट्रेन में बैठना मतलब जान जोखिम में डालना है।