PATNA : डबल मर्डर के सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों के गिरेबान तक पुलिस के लंबे हाथ पहुंचने में क्भ् साल लग गए। पकड़े गए अपराधी हैं मो। जफर, मो। मुश्ताक अहमद और मो। अफजल। तीनों सगे भाई हैं और जुनैदपुर के रहने वाले हैं। इनकी गिरफ्तारी संभव हो सकी है केस के क्ब्वें आईओ देवेन्द्र कुमार सिंह के कड़ी मेहनत के वजह से।

ख्00ख् का है मामला

पीरबहोर थाना के ये मामला शायद आपको याद न हो। डबल मर्डर की ये वारदात सामने आई थी ख्ख् दिसंबर ख्00ख् को। पटना के बालू घाट पर बोरे में बंद दो युवकों की लाश मिली थी। एक साथ दो युवकों की लाश को देख पुलिस के होश उड़ गए थे। धीरे-धीरे मामले की जांच शुरू हुई थी। पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज था मौत के घाट उतारे गए युवकों की पहचान करना।

- एक शख्स की हुई थी पहचान

जांच में जुटी पुलिस ने सबसे पहले एक युवक की पहचान की थी। जिसका नाम सैयद फैयाज हुसैन था। ये बैंक अधिकारी का बेटा था। उस समय पूरी फैमिली गंगा टॉवर अपार्टमेंट में रहती थी। फैयाज दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट था। पिता के जरिए पुलिस ने इसकी पहचान तो कर ली थी लेकिन दूसरे युवक की पहचान फैयाज के पिता नहीं कर पाए थे।

- चुनौती थी दूसरे की पहचान

दूसरे युवक की पहचान पहेली बनी हुई थी। युवक के कपड़े और उसके फोटो को थाना में रखा गया था। इसी बीच दानापुर के जुनैदपुर की रहने वाली नसीमा अचानक से बैंक अधिकारी के घर पहुंचती हैं और बताती है कि उनके बेटे शाहनवाजुद्दीन उर्फ लड्डन का कोई अता-पता नहीं है। ख्0 दिसंबर को वो फैयाज के साथ दिल्ली जाने के लिए निकला था। जिसकी अब तक कोई खबर नहीं है।

- जमीन के लिए किया ऐसा

फैयाज के पिता को उस वक्त एहसास हुआ कि उनके बेटे के साथ जिस युवक की लाश मिली थी वो नसीमा का बेटा है। पीरबहोर थाने जाकर फोटो और कपड़े से नसीमा ने शाहनवाजुद्दीन की पहचान की। इसके बाद ही यूडी केस की जगह पीरबहोर थाने में डबल मर्डर का एफआईआर दर्ज किया गया। पुलिस को नसीमा ने बताया था कि जुनैदपुर में एक कट्ठे की जमीन पर उसका घर है। इसी को लेकर उनके बेटे की हत्या की गई है।

- नाहक मारा गया फैयाज

फैयाज और शाहनवाजुद्दीन की दोस्ती महज चंद दिनों की थी। ख्0 दिसंबर ख्00ख् को दोनों घर से दिल्ली जाने के लिए निकले थे। लेकिन रास्ते से ही दोनों को किडनैप कर लिया गया था। फिर गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी गई थी। इसके दो दिन बाद बालू घाट पर बोरे में बंद दोनों की लाश मिली। इसमें फैयाज का कोई लेना देना नहीं था। उसे अपराधियों ने नाहक की मौत के घाट उतार दिया था।

- हत्या से म् महीने पहले किया था किडनैप

इस केस में एक और बड़ी बात है। जिसे शायद पूरे मामले की जांच करने वाले आईओ ने नजर अंदाज किया था। डबल मर्डर के इस वारदात को अंजाम देने से ठीक म् महीने पहले शाहानवाजुद्दीन को किडनैप किया गया था। ख्क् फरवरी ख्00ख् को अपराधियों ने उसे जुनैदपुर से ही किडनैप किया था। दानापुर थाने में इबरार खान ने बेटे को किडनैप किए जाने का एफआईआर दर्ज कराया था। इस एफआईआर में गिरफ्तार किए गए तीनों सगे भाईयों को ही नामजद किया गया था। करीब क्ख् दिन वो अपराधियों के कब्जे में रहा था।

- साढ़े म् महीने लगे पहुंचने में

सब इंस्पेक्टर देवेन्द्र कुमार सिंह को इस केस की कमान फ्क् अक्टूबर ख्0क्म् को सौंपी गई थी। डबल मर्डर के इस केस को पूरी तरह से सुलझाने और अपराधियों तक पहुंचने में उन्हें साढ़े म् महीने लगे। क्योंकि इनसे पहले क्फ् पुलिस पदाधिकारियों को डबल मर्डर केस की कमान मिली थी। इसमें क्ब् साल से अधिक बीत गए। लेकिन न तो वो केस की जांच सही से कर सके और न ही अपराधियों को गिरफ्तार कर सके।

इस केस में भ् लोग आरोपित थे। तीन को दानापुर से गिरफ्तार किया गया है। बाकि दो की तलाश जारी है।

राकेश दुबे, एएसपी ऑपरेशन, पटना