-1998 में सांप्रदायिक तनाव को लेकर भड़की हिंसा के बाद लगा था कफ्र्यू

-साल 2001, 1992 और 1990 में भी लग चुका है कफ्र्यू

VARANASI

सांस्कृतिक सौहार्द के शहर बनारस में लगभग दो दशक के बाद सोमवार की शाम कफ्र्यू लगाया गया। गोदौलिया पर हुए उपद्रव के बाद आधे शहर में चार घंटे तक कफ्र्यू लगा रहा। इससे पहले क्998 में सांप्रदायिक तनाव को लेकर भड़की हिंसा के बाद कफ्र्यू लगा था। जानकारों की मानें तो ख्00क् में भी नई सड़क पर आंशिक कफ्र्यू लगाया गया था। क्99ख् में बाबरी विध्वंस के दौरान एहतियातन कफ्र्यू लगाया गया था। हालांकि इस दौरान शहर में कहीं अप्रिय घटना नहीं हुई थी। वर्ष क्990 में काली प्रतिमा विसर्जन के दौरान मदनपुरा में जुलूस पर आतिशबाजी किए जाने के बाद बवाल हो गया था। पुलिस प्रशासन को हालात को काबू में करने के लिए कफ्र्यू लगाना पड़ा था। वर्ष ख्009 में बजरडीहा में होली के दिन पुलिस व पब्लिक के बीच हुए संघर्ष के बाद भेलूपुर के कुछ इलाकों में कफ्र्यू लगा था। क्998 के बाद यह दूसरी बार है जब उपद्रव के बाद प्रशासन को क‌र्फ्य लगाना पड़ा।

क्या है कफ्र्यू

कफ्र्यू पुलिस की ओर से घोषित एक आदेश है जिसका उपयोग विशेष परिस्थितियों या दंगा और उपद्रव के दौरान लॉ एंड आर्डर को बनाये रखने के लिए लगाया जाता है। इस दौरान विध्वंसक कार्यो को रोककर फिर से शांति-व्यवस्था स्थापित करने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए इसे लागू किया जाता है। भारत में यह आदेश धारा क्ब्ब् के अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की ओर से दिया जाता है। इस दौरान ट्रैफिक बंद रहता है। जनता के घरों से बाहर निकलने व घूमने पर रोक होती है। पुलिस की गश्त बढ़ा दी जाती है और व्यवसायिक गतिविधियां बंद हो जाती हैं।