- कई स्कूलों में लेट बजट मिलने से नहीं तैयार हुई यूनिफॉर्म
LUCKNOW :
प्राथमिक विद्यालय बड़ा गांव काकोरी में 110 बच्चे हैं। अगस्त का दूसरा वीक गुजरने वाला है। लेकिन अब तक यहां केबच्चों को यूनीफार्म नहीं मिली है। लिहाजा कोई पुरानी यूनीफार्म तो कोई बच्चा घरेलू कपड़े पहन कर स्कूल आ रहा है।
कई तरह की प्रॉब्लम
वहीं, पूर्व माध्यमिक विद्यालय छावनी मडि़यावं में 102 स्टूडेंट हैं। लेकिन यहां अब तक यूनीफार्म का वितरण नहीं हुआ है। स्कूल की इंचार्ज प्रिंसिपल सुमन कनौजिया के मुताबिक यूनीफार्म वितरक यूनीफार्म लेकर आया था। लेकिन उसकी फिटिंग सही नहीं थी, लिहाजा उसे वापस कर दिया गया था। तमाम निर्देशों के बाद भी दर्जनों स्कूलों के बच्चों को अब तक यूनीफार्म नहीं मिल सकी है।
सीएम ने दिया था आदेश
राजधानी में परिषदीय, सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल एवं मदरसों की संख्या 2031 है। इनमें अकेले 1467 प्राइमरी स्कूल हैं। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत क्लास एक से आठ तक के इन स्कूलों में पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट्स को दो जोड़ी यूनीफार्म दिए जाने का प्रावधान है। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद सीएम योगी ने परिषदीय स्कूल की यूनीफार्म का रंग बदल दिया था। साथ ही जिम्मेदारों को निर्देश दिए गए थे कि समय से सभी स्टूडेंट्स को यूनीफार्म उपलब्ध दें। लेकिन यूनीफार्म का बजट सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से देर से जारी किया गया।
खाते में पैसा भेजा
परिषदीय स्कूलों में दो जोड़ी यूनीफार्म दिए जाने के लिए एक अप्रैल की छात्र संख्या के अनुसार खाते में पैसा भेजा है। जबकि अप्रैल, मई और जुलाई में ज्यादातर स्कूलों में नए बच्चों के दाखिले हुए हैं। इस हिसाब से हर स्कूल में 20-25 बच्चे बढ़ गए हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह का कहना है कि ज्यादातर परिषदीय स्कूलों में इस तरह की दिक्कत आ रही हैं।
इन स्कूलों को यूनीफार्म का इंतजार
मोहनलालगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय, दहियर
प्राथमिक स्कूल, खुजौली
प्राथमिक स्कूल, बलसिंह खेड़ा
प्राथमिक स्कूल, भीलमपुर
प्राथमिक स्कूल, दाउदपुर
प्राथमिक स्कूल, रसूलपुर
प्राथमिक स्कूल, मदा खेड़ा
सरोजिनी नगर स्थित प्राथमिक स्कूल, माती-1
प्राथमिक स्कूल माती-2 सहित दर्जनों अन्य स्कूल
सभी स्कूलों में यूनीफार्म का पैसा भेजा जा चुका है। प्राइमरी स्कूलों में 82 फीसद और जूनियर हाईस्कूलों में 86 फीसद बच्चों को यूनीफार्म बंट चुकी है। शेष में प्रक्रिया जारी है।
प्रवीण मणि त्रिपाठी,
बीएसए लखनऊ