- भगवान विष्णु के सहस्रनाम जप करने से विशेष लाभ होने की संभावना

BAREILLY: 5 सितंबर को सेलीब्रेट किए जाने वाले जंमाष्टमी का पावन मौका इस बार कुछ खास रहेगा। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक ग्रह नक्षत्रों ने कुछ इस कदर चाल बदली है कि 54 वर्षो बाद शुभ संयोग बन गया है। जो जातकों के जीवन में खुशियों और प्रेम का संचार करेगा। 5 सितंबर को पड़ने वाले 'शनि रोहिणी हर्षण योग' पारिवारिक कलह, मनमुटाव और कष्टों को हरने वाला है। जिससे जातकों के मानसिक तनाव कम होने और प्रेम भावना प्रबल होने की संभावना है। इसके लिए जातकों को केवल विधि विधान के साथ भगवान विष्णु का पूजन और मंत्र जाप करना होगा।

कैसे बना संयोग

ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक प्रत्येक 29 वर्ष बाद ग्रह नक्षत्र की स्थिति बदलती है। इस समयान्तराल के दौरान ग्रह अपने स्थान बदल देते हैं। जिसका प्रभाव जातकों की राशियों पर पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन खास संयोग के बदलने के लिए तिथि, वार, मुहुर्त समेत ग्रह नक्षत्रों के बीच समानता होना अनिवार्य है। जो कुछ ही समय के लिए प्रभावी होते हैं और लंबे समयान्तराल के बाद उनका आगमन होता है। इस बार भाद्रपद कार्तिक मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष के मौके पर जन्माष्टमी है,वहीं इसी दिन नवमी और पूर्णिमा तिथि भी होने की वजह से 'शनि रोहिणी हर्षण योग' का संयोग बना है।

राशियों पर प्रभाव

ग्रह नक्षत्रों की चाल का प्रभाव शत्रु और मित्र राशियों पर पड़ता है। संयोग का प्रभाव मकर, कुंभ, तुला व धनु राशि के जातकों के लिए शुभ रहने व अन्य राशियों पर सामान्य प्रभाव होने की संभावना है।

भगवान विष्णु रूप बाल कृष्ण का जन्मोत्सव की पूजा चावलों से करने के बजाय जौ का प्रयोग करें। साथ ही भगवान विष्णु के सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।

पं। राजेंद्र त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

54 वर्षो बाद बन रहे संयोग ईष्र्या, विद्वेष, कलह और पारिवारिक समस्याओं को हरने वाला संयोग है। जातकों को विधि विधान से भगवान विष्णु का पूजन करें तो लाभप्रद रहेगा।

पं। डॉ। संजय सिंह, ज्योतिषाचार्य