- एसजीपीजीआई के 34वें स्थापना दिवस पर एमसीआई के पूर्व चेयरमैन डॉ। एसके सरीन ने कहा

- सरकारी अस्पताल 5ाी कराएं एनएबीएच से प्रमाणीकरण

LUCKNOW:

एमबीबीएस बनना ही मरीज के इलाज के लिए पर्याप्त नहीं होना चाहिए। एमबीबीएस पूरा करने के बाद ए1िजट एग्जाम 5ाी कराया जाए जिससे पता चल सके कि एमबीबीएस के बाद डॉ1टर इस लायक हो गया है कि वह मरीजों का इलाज कर सके। जैसे एंट्रेंस के लिए नीट एग्जाम जरूरी है वैसे ही ए1िजट एग्जाम 5ाी लागू किया जाना चाहिए। संजय गांधी पीजीआई के 34 वें स्थापना दिवस के मौके पर एमसीआई के पूर्व चेयरमैन व इंस्टीट्यूट ऑफ हिपैटोबिलियरी साइंसेज (आईएलबीएस) के निदेशक डॉ। एसके सरीन ने यह बात कही।

20 फीसद होती हैं गलतियां

डॉ। एसके सरीन ने बताया कि हमारे देश में 20 फीसद मामलों में गलत डायग्नोस होती है। अमेरिका में यह 17 फीसद है। यही नहीं जो एक बार रेजीडेंट डॉ1टर ने लि2ा दिया उसी पर ट्रीटमेंट चलता है, चाहें बीमारी दूसरी हो। इसलिए डॉ1टर्स की यह जि6मेदारी है कि वे गलती को छिपाएं नहीं, प्राइमरी डायग्नोसिस को क्रास चेक करें।

हर हॉस्पिटल हो एनएबीएच प्रमाणित

हर हॉस्पिटल को नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर, एनएबीएच, से प्रमाणित कराना चाहिए। इससे अस्पताल की कमियों का पता चलता है और इन्हें बेहतर किया जा सकता है। इससे मानक तय हो जाते हैं कि मरीज को कितनी देर से और किस तरह का इलाज मिल रहा है। डॉ। सरीन ने बताया कि अ5ाी प्राइवेट हॉस्पिटल तो एनएबीएच प्रमाणीकरण कराते हैं लेकिन गवर्नमेंट इसमें पीछे हैं।

देश में 68 हजार एमबीबीएस सीटें

उन्होंने बताया कि देश में करीब 68 हजार एमबीबीएस सीटें हैं जबकि पीजी की 35 हजार ही हैं। यानी कि 33 हजार एमबीबीएस के बाद पीजी नहीं कर पाते। इसलिए हमें एमबीबीएस स्तर पर ही पढ़ाई का स्तर ऊंचा करना होगा। आज हमारे सामने एमबीबीएस करने वाले स्टूडेंट्स को विशेषज्ञ बनाना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि 1लीनिकल सर्विसेज में उन्हीं लोगों को लेना चाहिए जिनमें सेवा 5ाव हो। प्रोग्राम में सीएमएस प्रो। अमित अग्रवाल ने कहा कि हमने एनएबीएच से प्रमाणीकरण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बनेगा नेशनल मेडिकल कमीशन

मेडिकल एजूकेशन और चिकित्सा पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार नेशनल मेडिकल कमीशन बिल लाने जा रही है। प्रो। सरीन ने कहा कि इसमें सभी भाग एमबीबीएस, पोस्ट ग्रेजुएट नियंत्रण नियमावली शामिल होंगे। यह 99 प्रतिशत सरकारी नियंत्रण में होगा। ऐसा न हो कि अच्छे के च1कर में बुरा हो जाए, इसलिए सरकार को इसमें डॉ1टर्स को 5ागीदार बनाना चाहिए।

इन्हें मिला स6मान

-डॉ। साई सरन पीवी, सीसीएम बेस्ट रेजीडेंट अवार्ड

-डॉ। पीयूष वाष्र्णेय, गैस्ट्रो सर्जरी, बेस्ट एमसीएच व बेस्ट रिसर्च

-अजय नरायण वर्मा, गैस्ट्रो मेडिसिन, बेस्ट टे1नोलॉजिस्ट ग्रेड 1

- अलका मोहन, सीवीटीएस, बेस्ट नर्स ग्रेड 1

- रोजिला मनी अब्राहम, सीसीएम, बेस्ट नर्स ग्रेड 2

फाउंडेशन डे पर 4लड डोनेट

पीजीआई स्थापना दिवस पर कर्मचारियों ने 4लड डोनेट किया। कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेश कुमार का 4लड ग्रुप ओ निगेटिव है, जो बहुत महत्वपूर्ण है। हार्ट स्पेशलिस्ट प्रो। सुदीप कुमार पत्‍‌नी के साथ 4लड डोनेट करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। रेडियोथिरेपी डिपार्टमेंट के प्रमु2ा प्रो। शालीन कुमार ने 5ाी इस दौरान 4लड डोनेट किया वहीं तकनीकी अधिकारी डीके सिंह ने रक्तदान कर अपना 4लड डोनेट करने का आंकड़ा 102 पहुंचा दिया। प्रोग्राम में तकनीकि अधिकारी अ2िालेश कुमार, राम सरन, शशांक सिंडे, डॉ। अतुल गर्ग, डॉ। वरुण कुमार, डॉ। लक्ष्मी सिंह, डॉ। सुमित कुमार, डॉ। वानी, सतीश चंद्रा, मो। इमरान, अरविंद कुमार वर्मा, कमलेश 5ारती सहित काफी सं2या में लोगों ने रक्तदान किया।