इनका हो सकता है विलय

फाइनेंस मिनिस्ट्री के सूत्रों की माने तो पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, देना बैंक, विजया बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का विलय होना है। इनमें छोटे बैंकों का बड़े बैंकों में विलय किया जाना है। सरकार ऐसा बैंकों को मजबूत करने के लिए कर रही है। इसके पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में इसके पांच सहयोगी बैंकों का विलय हो चुका है। जिसके बाद बाद यह बैंक दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों में शामिल हो गया है।

खाताधारकों को नहीं होगी समस्या

बैंकों में विलय की प्रक्रिया से आपके बैंक डिपॉजिट पर कोई असर नहीं नहीं होगा वह सेफ रहेगा। इस तरह के विलय में मर्ज होने पर बैंक के कसस्टमर्स का थोड़ा पेपरवर्क बढ़ जाता है। इसके लिए केवाईसी का प्रॉसेस फिर से करना होता है। जिसके बाद आपका एटीएम और पासबुक नए सिरे से अपडेट होगा। बैंकों के विलय से आपके लोन पर कोई असर नहीं होगा। आपको पहले की तरह उस पर ब्याज देना होगा। जब कोई बैंक किसी बैंक में मर्ज होता है तो लोन अमाउंट उस बैंक में ट्रांसफर हो जाता है। मौजूदा ब्याज दर ही उस पर अप्लाई होती है।

ग्लोबल साइज के बैंक चाहचाहती है सरकार

बैंकों के मर्जर के जरिए सरकार ग्लोबल साइज के बैंक तैयार करना चाहती है। फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि भारत को ग्लोबल लेवल के 5 से 6 बैंकों की जरूरत है। इनके विलय को लेकर जल्द फैसला किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सबसे पहले इलाहाबाद बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय का प्लान है। यानी इलाहाबाद बैंक अब पंजाब नेशनल बैंक में मिल जाएगा। दोनों बैंकों का विलय 1 अप्रैल 2018 तक लागू हो सकता है। दिसंबर 2017 तक विलय की प्रक्रिया पूरी होगी।

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