बरसात के चलते स्वाइन फ्लू के वायरस के जल्द इनएक्टिव होने की उम्मीदें खत्म

माहौल में ठंड व नमी की बढ़ोतरी के बाद नॉमर्ल फ्लू, वायरल फीवर का खतरा भी बढ़ा

BAREILLY:

बरेली में जानलेवा बीमारी स्वाइन फ्लू के जल्द खत्म होने की उम्मीदों को मौसम ने तगड़ा झटका दिया है। सैटरडे रात और संडे दिनभर हुई लगातार बारिश ने बरेली से एचक्एनक् वायरस के सफाए की कवायदों को ही साफ कर डाला। होली की दस्तक के साथ ही बढ़ते तापमान के चलते मेडिकल एक्सप‌र्ट्स ने इस बीमारी के जल्द थमने की जो उम्मीदें और कयास लगाए थे, उन पर घने बादलों ने काली चादर डाल दी है। बरेली सहित देश भर में लगातार लोगों को मौत के पंजे में दबोच रही इस बीमारी को बारिश ने एक तरह से संजीवनी दे दी है। बारिश के चलते इस जानलेवा बीमारी के खत्म होने की मियाद फिलहाल आगे बढ़ गई है।

स्वाइन फ्लू का परफेक्ट 'मौसम'

स्वाइन फ्लू के बढ़ते खौफ के बीच मौसम की इस करवट ने परेशानी बढ़ा दी है। सैटरडे रात से शुरू हुई बारिश के चलते माहौल में ठंड और नमी की बढ़ोतरी ने स्वाइन फ्लू के वायरस को और ज्यादा ताकतवर बना दिया है। जम्मू से लेकर यूपी तक में हुई बारिश ने बरेली में इस बीमारी को एक बार फिर अपनी दहशत बढ़ाने का मौका दे दिया है। दरअसल नॉर्मल फ्लू व वायरल की तरह ही स्वाइन फ्लू का वायरस एचक्एनक् भी नमी और ठंडे माहौल में एक्टिव हुआ है। मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि जब तक माहौल में ठंड और हयूमिडिटी कम नहीं होती और टेंपरेचर फ्7 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचता तब तक यह जानलेवा बीमारी फिलहाल कमजोर नहीं पड़ने वाली।

ठंड और नमी ने दी ताकत

ख्भ् फरवरी तक टेंपरेचर में हो रही लगातार बढ़ोतरी से एक्सप‌र्ट्स को इस बीमारी के जल्द थमने और खत्म होने की उम्मीदें जगी थी। मौसम की इस अचानक करवट ने स्वाइन फ्लू के मार्च तक खिंचने के डर को सच साबित कर दिया है। इस बारिश से एचक्एनक् वायरस को काबू करने की सेहत महकमे की तमाम उम्मीदों को भी ग्रहण लग गया है। दरअसल ठंड लंबे समय तक रहने से इस बीमारी की समस्या एक बार फिर अपना प्रकोप बढ़ा देगी। ऐसे मौसम में इस बीमारी का वायरस हवा में ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाता। जिसके चलते लोग आसानी से हवा में फैले इन वायरस की चपेट में आएंगे।

फ्लू और वायरल का खतरा बढ़ा

मार्च महीने के आगाज के साथ ही पूरे यूपी में हुई मूसलाधार बारिश ने वायरल फीवर व फ्लू के वायरस को भी एक्टिव कर दिया है। फरवरी-मार्च का महीना वैसे भी बीमारियों का समय माना जाता है। ठंड के अलविदा कहने और गर्मी के दस्तक देने के इस माहौल में लोगों की इम्यूनिटी काफी कम जाती है। पिछले कुछ दिनों से बढ़ रही गर्मी के चलते कईयों ने अपनी जैकेट-स्वेटर भी वापिस अल्मारियों में कैद कर दिया था, लेकिन इस बारिश के चलते मौसम फिर ठंडा व नमी वाला हो गया। इस अचानक बदलाव से फ्लू व वायरल फीवर के वायरस तेजी से कम इम्यूनिटी वाले लोगों को अपनी चपेट में लेंगे।

हल्के में न ले सर्दी जुकाम को

बारिश के बाद माहौल में ठंड से वायरल व फ्लू की दिक्क्तें बढ़ेंगी। ऐसे में भले ही जुकाम होना स्वाइन फ्लू का डर नहीं लेकिन डॉक्टर्स ने लोगों से सर्दी जुकाम व वायरल में संजीदा रहने की चेतावनी दी है। दरअसल स्वाइन फ्लू के लक्षण भी कॉमन फ्लू सरीखे होते हैं। ऐसे में ख्-फ् दिन तक जुकाम में राहत न मिलने पर तुरंत जांच कराएं। इसमें देरी न करें। इस दौरान सांस में तकलीफ होने पर जल्द से जल्द अनुभवी डॉक्टर्स से इलाज लें। समय पर स्वाइन फ्लू की पहचान और इलाज इस बीमारी के खिलाफ सबसे सही कदम है।

ध्यान रखें इन बातों का

क्- अंदर पहने जाने वाले कॉट्स वूल भले न पहनें, लेकिन विंड चिंटर-स्वेटर जरूर पहने

ख्- लोगों से हाथ मिलाकर न मिलें, नमस्ते से करें अभिवादन

फ्- जुकाम-वायरल पीडि़त से सीधे नहीं बल्कि थोड़ा तिरछा होकर करें बात।

ब्- न्यूट्रिशियस डाइट लें। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाएं।

भ्- हेल्दी डाइट में सब्जियां, फल ले, नॉनवेज का सेवन कम करें।

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बरसात का यह मौसम स्वाइन फ्लू के लिए परफेक्ट है। बारिश के चलते स्वाइन फ्लू का वायरस फिर से एक्टिवेट होगा। गर्मी बढ़ने तक फिलहाल इसकी रोकथाम मुश्किल है। ऐसे में एहतियात बरतें, फ्लू व वायरल में तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें। - डॉ। राजीव गोयल, कार्डियोलॉजिस्ट

खराब मौसम व ठंड के चलते एचक्एनक् वायरस तेजी से एक्टिव हुआ। सर्दी बढ़ने पर इस बीमारी का खतरा बरकरार रहेगा। मार्च के दूसरे हफ्ते तक इस बीमारी के काबू में आने की उम्मीद है। जब टेंपरेचर फ्7-ब्0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तो वायरस का असर कम होने लगेगा।

- डॉ। अजय मोहन अग्रवाल