- सर्राफा व्यापारियों ने नए स्टॉक रखना किया शुरू

BAREILLY:

डेढ़ महीने हड़ताल और अब खरमास ने सर्राफा व्यापारियों की उम्मीद को तोड़ दी हैं। लेकिन, इस बुझे हुए उम्मीदों में उन्हें अक्षय तृतीया के रूप में एक नई उम्मीद जगी है। अक्षय तृतीया के मौके को भुनाने के लिए सर्राफा व्यापारी तैयारियों में जुट गए है। शहरवासियों के पास भी अपनी पसंदीदा ज्वैलरी खरीदने का अच्छा मौका है। क्योंकि, इस खास मौके पर अच्छा बिजनेस करने के लिए ज्वैलर्स ने कई नई व डिजाइनर ज्वैलरी को तैयार और मंगवा रखा है।

बाहर से मंगा रहे ज्वैलरी

ज्वैलरी मार्केट को बस अक्षय तृतीया का इंतजार है। गोल्ड के बने लाइट गोल्ड ज्वैलरी, टॉप्स, रिंग, इयररिंग गोल्ड मिक्स ज्वैलरी से मार्केट सजना शुरू हो गया हैं। बाम्बे, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई की बनी ज्वैलरी का स्टॉक शॉप ओनर्स ने कर रखा है। ताकि, पिछले दिनों की भरपाई इस मौके पर किया जा सके। अधिक से अधिक बिजनेस हो सके इसके लिए सर्राफा व्यापारी कस्टमर्स को ऑफर्स भी देने की तैयारी में है। इस शुभ मुहूर्त पर गोल्ड खरीदने के लिए शहरवासियों ने अभी से ही एडवांस बुकिंग करानी शुरू कर दी है।

आस-पास एरिया के भी आते हैं कस्टमर

बरेली के सेंटर प्वॉइंट होने से यहां पर सबसे अधिक कस्टमर्स आते हैं। रामपुर, शाहजहांपुर, आंवला, फरीदपुर, बहेड़ी जैसे एरिया से लोग ज्वैलरी खरीदने के लिए आते है। करीब 60 परसेंट कस्टमर इन्हीं एरिया के होते हैं। जिस वजह से ज्वैलर्स ने भरपूर स्टॉक रखना शुरू कर दिया है। क्योंकि यह लोग दूर से शहर आने के चलते एक ही दिन शॉपिंग करने की सोचते है। मध्यम वर्गीय परिवार के लिए आलमगिरी गंज, बड़ा बाजार, सुभाषनगर, राजेंद नगर शॉपिंग करने का बेस्ट ऑप्शन है। क्योंकि, यहां पर इस वर्ग के लिए खासकर दुकानें हैं। वहीं जो लोग ज्वैलरी पर अच्छा-खास पैसा खर्च करना चाहते है उनके लिए सिविल लाइंस का मार्केट बेस्ट है। क्योंकि, अधिकतर बड़े शोरूम सिविल लाइंस में ही हैं।

कौन सी ज्वैलरी कितनी बिक सकती है

- 70 परसेंट गोल्ड क्वॉइंस और ज्वैलरी।

- 20 परसेंट डायमंड की बनी ज्वैलरी।

- 10 परसेंट प्लेटिनम से बनी ज्वैलरी।

प्रमुख मार्केट और दुकानें

- 150 बड़ा बाजर।

- 200 आलमगिरी गंज।

- 20 सिविल लाइंस।

- 30 राजेंद्र नगर।

- 20 सुभाषनगर

- 15 कैंट।

मंदी से उबरने के लिए अक्षय तृतीया एक अच्छा मौका है। अभी से तैयारी कर रहे है। ताकि, हड़ताल और खरमास के चलते जो नुकसान हुआ है उसकी कुछ भरपाई हो सके।

संदीप अग्रवाल, प्रेसीडेंट, बरेली महानगर सर्राफ एसोसिएशन