जगह-जगह लगा है कीचड़ और कचरे का ढेर

करेली और राजापुर के प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंची नगर निगम की टीम

नाकाफी साबित हो रही है नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की फौज

ALLAHABAD: गंगा-यमुना का जलस्तर घटने और बाढ़ का प्रकोप कम होने के बाद अब प्रभावित इलाकों में मुसीबतों के साथ ही गंदगी और संक्रामक बीमारियों की बाढ़ आ गई है। लोग परेशान हैं। पानी घटने के बाद भी राहत शिविरों में दिन-रात गुजार रहे हैं। घर जाने से डर रहे हैं। क्योंकि चारों तरफ जहां गंदगी का ढेर लगा है, वहीं पूरा इलाका बजबजा रहा है। साथ ही मच्छरों व कीड़ों की वजह से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। नगर निगम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाकों में कर्मचारियों की फौज उतार रखी है, लेकिन पूरी टीम केवल चंद इलाकों तक ही सिमट कर रह गई है। बाढ़ की मार से कराह रहे इलाकों तक अभी तक कोई राहत नहीं पहुंची है।

कराह रहा है करेली

नगर निगम के साथ ही अन्य विभागों की की ओर से राहत न मिलने का सबसे अधिक शिकार करैली का पिछड़ा व कछारी इलाका है, जो इस समय जलजमाव, गंदगी के साथ ही संक्रामक बीमारियों की मार से कराह रहा है। करेली के कुछ हिस्सों में तो अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम पहुंची है। लेकिन बाजूपुर, गौसनगर का पिछड़ा इलाका, गौसनगर मुन्ना मस्जिद के पास के साथ ही कौशाम्बी जिले की ओर जाने वाले कछारी इलाके व ससुर खदेरी नदी के आस-पास के एरिया में अभी भी हजारों लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं।

युद्ध स्तर पर नहीं हो रहा काम

राजापुर मऊ सरैया, अशोक नगर नेवादा के साथ ही अन्य मोहल्लों के लोग भी पानी कम होने के बाद भी राहत शिविरों में ही पड़े हुए हैं। क्योंकि गंदगी के कारण घर जाने से डर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब तक व्यवस्था पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती। तब तक घर नहीं जाएंगे।

उतारी कर्मचारियों की फौज

एक तरफ जहां पब्लिक की शिकायत है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफाई नहीं हो रही है। व्यवस्था बदहाल है। वहीं नगर निगम का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में कर्मचारियों की फौज उतारी गई है। जो दिन रात सफाई के साथ ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं। रविवार को भी राहत कार्य जारी रहे, इसके लिए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टी कैंसिल कर सफाई व्यवस्था को बहाल रखा गया है। वहीं आठ-आठ कर्मचारियों की टीम बनाकर सफाई के लिए उतारी गई है।

बीमार होने के लिए घर जाएं क्या?

अशोकनगर स्थित बाढ़ राहत शिविर ऋषिकुल स्कूल में मौजूद लोगों से आईनेक्स्ट ने बात की तो लोगों ने जमकर भड़ास निकाली। पानी घटने के बाद भी लोग घर जाने को तैयार नहीं हैं

अधिकारी कह रहे हैं कि पानी घट गया है, अपने घर चले जाएं। लेकिन अधिकारी ये बताएं कि हम अपने घर क्या बीमार होने के लिए जाएं, जहां चारों तरफ गंदगी बजबजा रही है और कचरे का ढेर लगा है।

रानू देवी

जब तक व्यवस्था पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती। पूरा इलाका पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता है। गंदगी खत्म नहीं हो जाती है, तब तक हम प्रभावित इलाकों में नहीं जाएंगे। यहां पर कम से कम चैन की सांस तो ले पा रहे हैं।

विजय लक्ष्मी

चर्चित इलाकों तक ही केवल सफाई व्यवस्था व राहत कार्य शिविर है। हमारे करेली के दर्जनों इलाके अभी भी गंदगी से बजबजा रहे हैं। जहां न तो नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की टीम पहुंची है और न ही स्वास्थ्य विभाग की टीम।

इकबाल

करेली

बाढ़ प्रभावित इलाकों में गंदगी व बदबू से महामारी न फैलने पाए, इसको ध्यान में रखते हुए विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें कर्मचारियों की तैनाती की गई। सफाई कराने के साथ ही ब्लीचिंग पाउडर व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। जहां से भी शिकायत आ रही है, वहां टीम भेजी जा रही है। जिन इलाकों तक राहत नहीं पहुंच सकी है, वहां के लोग जानकारी दें तो तत्काल व्यवस्था दुरूस्त कराया जाएगा।

शेषमणि पांडेय

नगर आयुक्त