- दो दिन तक बवाल के बाद आईआईटी कैंपस का माहौल हुआ नॉर्मल, क्लासेस शुरू

- गुरुवार को लैब व वर्कशॉप में शुरू हुआ काम, छात्रों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

KANPUR: साथी की मौत पर आईआईटी छात्र जितनी तेजी से आक्रोशित हुए और 48 घंटे तक पूरे कैम्पस को बंधक बनाए रखा, मांगें माने जाने के बाद उतनी ही तेजी से अपने रुटीन पर लौट आए। आईआईटी में गुरुवार सुबह जिस स्पीड से स्टूडेंट्स की साइकिलें एकेडमिक एरिया में दौड़ रही थीं उससे यह अहसास तक नहीं हो रहा था कि यहां विरोध-प्रदर्शन जैसा कुछ हुआ भी है। स्टूडेंट्स के चेहरों पर विजयी मुस्कान साफ नजर आ रही थी। एकेडमिक एरिया के गेट नंबर तीन पर जहां प्रोटेस्ट की रणनीति बनती थी वहां स्टूडेंट तेज कदमों से क्लासेस में आ जा रहे थे।

48 घंटे तक कैंपस रहा बंधक

आईआईटी में लास्ट मंडे को पीएचडी स्कॉलर आलोक पांडेय की प्राइमरी हेल्थ सेंटर में ट्रीटमेंट के दौरान मौत हो गई थी। साथी की मौत से नाराज आईआईटी के हजारों स्टूडेंट्स ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलकर प्रोटेस्ट शुरू कर दिया था। करीब 48 घंटे बाद प्रशासन ने जब छात्रों की मांगें लिखित में मान लीं तब कहीं प्रोटेस्ट खत्म हुआ। गुरुवार की सुबह से ही इंस्टीट्यूट की लैब व वर्कशॉप में स्टूडेंट्स ने अपना काम शुरू कर दिया। क्लासेस भी सुबह 8 बजे से स्टार्ट हो गई।

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बेस्ट मेडिकल ट्रीटमेंट की तैयारी

आईआईटी के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में एक बार फिर से बेस्ट मेडिकल सुविधाएं देने की दिशा में प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। डायरेक्टर ने साफ कह दिया है कि छात्र के ट्रीटमेंट में किसी भी तरह की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि अभी भी वीक में अपनी अपनी फील्ड के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की ओपीडी प्राइमरी हेल्थ सेंटर में चलती है। किसी दिन मेडिकल कॉलेज के रिटायर्ड फिजीशियन डॉ। राकेश चन्द्रा पेशेंट देखतें हैं तो किसी दिन स्किन एक्सपर्ट डॉ.ममता भूरा की ओपीडी होती है। बालरोग विशेषज्ञ डॉ। विवेक सक्सेना भी ओपीडी में जाते हैं। आने वाले टाइम में डिफरेंट फील्ड के मेडिकल एक्सपर्ट आईआईटी में स्टूडेंट्स का ट्रीटमेंट करेंगे।