-बीपीएससी के पीडि़त कैंडिडेट्स ने विरोध में किया पैदल मार्च

PATNA: म्0वीं और म्क्वीं बीपीएससी की पीटी का रिजल्ट आ चुका है और इसके साथ भ्रष्टाचार भी सामने है। इस मामले को लेकर बीपीएससी के पीडि़त कैंडिडेट्स एकजुट होकर इसे लेकर कोर्ट जाने और परीक्षा में हुई भारी अनियमितता पर बीपीएससी के अधिकारियों से जवाब-तलब कर रही है। इसी प्रकरण में शनिवार को एनआईटी मोड़, अशोक राजपथ से कारगिल चौक तक 'न्याय के लिए पैदल मार्च' निकाला। इसमें बिहार के सैंकड़ों कैंडिडेट्स ने हिस्सा लेकर परीक्षा संबंधी खामियों को उजागर किया। सभी एक स्वर से इस बात की मांग कर रहे हैं कि परीक्षा में कई ऐसी बातें है जो कि नोटिफिकेशन से अलग है। जबकि यह गलत है। इसका जवाब दे आयोग। कैंडिडेट्स ने पोस्टर, बैनर पर अंकित कर रखा था कि परमेश्वर, लालकेश्वर और अभी कितने लोग, हमारा ईश्वर आखिर कौन? भ्रष्टाचार आखिर कब तक आदि पोस्टर से आवाज उठा रहे थे।

नोटिफिकेशन में क्यों नहीं बताया

म्0वीं म्ख्वीं की बीपीएससी की पीटी में पांच ऑप्शन दिए गए। इसके अलावा अधिकांश प्रश्नों में अंतिम और पांचवा ऑप्शन भ्रामक रहा। जैसे एक ऑप्शन में लिखा गया है कि उपरोक्तमें सभी गलत है। उपरोक्त ऑप्शन में सभी सही है। ऐसे में कैडिडेट के सामने भ्रामक स्थिति बन गई।

एक ओर सभी आयोग कुल शामिल कैंडिडेट्स का मात्र क्0 प्रतिशत रिजल्ट जारी करता है तो दूसरी ओर इस बार बीपीएससी ने बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिफिकेशन से इस बात को रखे, कुल सीट का दस प्रतिशत रिजल्ट देकर मेधा को सीमित करने और नकारने का प्रयास किया है। यह बात एनआईटी अशोक राजपथ से गांधी मैदान तक पैदल मार्च से सभा में तब्दील हो जाने के बाद संघर्ष मोर्चा की ओर से अमित ने कही।

क्0 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों का उत्तर गलत, जाएंगे कोर्ट

कैंडिडेट्स ने आरोप लगाया है कि बीपीएससी ने दस से अधिक प्रश्नों का जवाब गलत दिया है। ऐसा करके आयोग ने कैंडिडेट्स को जहां एक ओर गुमराह किया है वहीं आयोग की छवि भी प्रभावित हुई है। इस मामले को लेकर कैंडिडेट्स आयोग से कोर्ट में जवाब तलब करेंगे। इसकी पुष्टि बीपीएससी म्0वीं, म्ख्वीं प्री रिजल्ट संघर्ष मोर्चा के संयोजक गौतम कृष्णा ने की।

वैकेंसी ख्0क्ब् की और आरक्षण नियम ख्0क्म् का

बीपीएससी की परीक्षा में महिला आरक्षण को लेकर भी भारी गड़बड़ी हुई है। बीपीएससी म्0वीं, म्ख्वीं संघर्ष मोर्चा के संयोजक गौतम कृष्ण ने बताया कि महिलाओं को फ्भ् परसेंट आरक्षण का नियम ख्0क्म् का है। जबकि परीक्षा ख्0क्ब् की है ,जो अभी ली गई। ऐसे में फ्भ् प्रतिशत का आरक्षण नियम कैसे सही है? यदि आरक्षण नियम को मान भी लिया जाए तो महिला आरक्षण का 'सामान्यीकरण' किया गया। इसका अर्थ है कि यदि फ्भ् प्रतिशत आरक्षण का लाभ ही दिया जाना था तो केवल बिहार की

महिलाओं को, लेकिन इसमें सभी राज्यों की महिलाओं को शामिल किया गया। एक और समस्या है कि आरक्षण भ्0 परसेंट से अधिक न हो, लेकिन इसे माने तो यह इस सीमा से अधिक हो जाता है।