JAMSHEDPUR : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के नोमन्क्लैचर को फॉलो करना होगा। यूनिवर्सिटी के रेगुलेशन में जो कोर्सेज हैं उन्हीं की डिग्रियां प्रोवाइड की जा सकती हैं। कुछ ऐसा ही कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) एडमिनिस्ट्रेशन का जवाब होता है, जब उनसे वोकेशनल कोर्स के स्टूडेंट्स की डिग्री को लेकर सवाल किया जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यूनिवर्सिटी लेवल पर यह जानने की कोशिश ही नहीं की गई कि अंडर ग्रेजुएट (यूजी) लेवल पर यूनिवर्सिटी द्वारा बीबीए और बीसीए की डिग्री दी जा सकती है या नहीं। स्टूडेंट्स की नाराजगी लगातार सामने आने के बाद आई नेक्स्ट ने इस बात की पड़ताल की और पता लगाया कि केयू के स्टूडेंट्स को बीबीए और बीसीए की डिग्री मिल सकती है या नहीं। हमने यूजीसी की वेबसाइट खंगाली, तो पता चला कि अप्रैल ख्009 और जुलाई ख्0क्ब् में भारत सरकार के गजट में पब्लिश हुए यूजीसी द्वारा दी जाने वाली डिग्रियों की नामावली में बीबीए और बीसीए भी शामिल हैं। सो, अब आप ही सोचिए गलती किसकी?

क्या होता है केयू में

केयू के कॉलेजेज से यूजी लेवल पर वोकेशनल कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को बीबीए की जगह बीकॉम (ऑनर्स) इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और बीसीए की जगह बीएससी (ऑनर्स) इन कंप्यूटर अप्लीकेशन की डिग्री दी जाती है। स्टूडेंट्स को जब इसका पता चला और इसका विरोध होने लगा, तो यूनिवर्सिटी ने यूजीसी के नोमन्क्लैचर और यूनिवर्सिटी के रेगुलेशन की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। यूनिवर्सिटी ने कहा कि यूजीसी द्वारा बीबीए और बीसीए की डिग्री देने की अनुमति यूनिवर्सिटी को नहीं दी गई है। जबकि यह सही नहीं है।

वीमेंस कॉलेज में हुआ बवाल

डिग्री विवाद को लेकर मंगलवार को वीमेंस कॉलेज में बीबीए और बीसीए की स्टूडेंट्स ने जमकर बवाल किया। स्टूडेंट्स का आरोप था कि उनका एडमिशन बीबीए और बीसीए के नाम पर लिया जाता है और प्रॉस्पेक्टस में भी यही लिखा हुआ है। ऐसे में उन्हें बीकॉम या बीएससी ऑनर्स की डिग्री क्यों दी जाती है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने भी स्टूडेंट्स की इस मांग को जायज ठहराया। स्टूडेंट्स ने न सिर्फ इस मामले पर प्रिंसिपल का घेराव किया बल्कि, कॉलेज कैंपस से ही वीसी से भी बात की। वीसी ने उनसे यूजीसी नोमन्क्लैचर और यूनिवर्सिटी के रेगुलेशन की बात कहकर बीबीए और बीसीए की डिग्री देने में असमर्थता जताई। कॉलेज की प्रिंसिपल ने इस मामले को कॉलेज के एकेडमिक काउंसिल और गवर्निग बॉडी में रखने की बात कही।

क्या है ख्009 और ख्0क्ब् में पब्लिश हुए गजट में

यूजीसी के एक्ट क्9भ्म् के सेक्शन ख्ख्(फ्) में डिग्रियों की नामावली दी गई है। अप्रैल ख्009 में पब्लिश हुए भारत सरकार के गजट में यूजीसी द्वारा प्रदत्त जिन डिग्रियों की नामावली दी गई है उनमें यूजीसी द्वारा स्पेसिफाइड क्म्फ् डिग्रियों में फ्0 नंबर पर बीबीए और फ्ख्वें नंबर पर बीसीए का नाम लिखा हुआ है। इसके अलावा जुलाई ख्0क्ब् में पब्लिश हुए एक और गजट में यूजीसी द्वारा प्रदत्त डिग्रियों की नामावली में फ्ब् नंबर पर बीबीए और भ्म् नंबर पर बीसीए की डिग्रियों का नाम है। भारत सरकार के गजट में पब्लिश हुए इन डिग्रियों के नाम का मतलब है कि यूनिवर्सिटी इन कोर्सेज की पढ़ाई करवा सकता है और स्टूडेंट्स को ये डिग्रियां दे सकता है। जब ऐसा था तो स्टूडेंट्स को बीबीए और बीसीए की डिग्रियां क्यों नहीं दी जाती। अगर पहले से यूनिवर्सिटी ने रेगुलेशन में बदलाव कर लिया होता, तो स्टूडेंट्स को ये डिग्रियां मिल रही होतीं और वे इतने परेशान नहीं होते।

यूनिवर्सिटी रेगुलेशन में होगा बदलाव

बीबीए, बीसीए की डिग्रियों को लेकर स्टूडेंट्स के हंगामे के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन एक्टिव हुआ है और अब ऑफिशियल्स की नजर पब्लिश हुए गजट पर गई है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन अब यूनिवर्सिटी रेगुलेशन में बदलाव करने की बात कर रहा है। एकेडमिक काउंसिल में इस मामले को पास कराने और सिंडिकेट से ओके हो जाने के बाद इसे गवर्नर के पास भेजा जाएगा। गवर्नर के यहां से ओके हो जाने के बाद यूनिवर्सिटी रेगुलेशन में बदलाव किया जाएगा और फिर स्टूडेंट्स को बीबीए और बीसीए की डिग्रियां दी जाने लगेंगी। केयू के वीसी ने कहा कि इसमें समय लग सकता है।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि स्टूडेंट्स को डिग्री देने में कॉलेज का कोई रोल नहीं है। डिग्रियों को लेकर प्रॉब्लम तो सभी कॉलेजेज में है फिर हंगामा सिर्फ वीमेंस कॉलेज में ही क्यों हो रहा है। इस मामले में हम गवर्निग बॉडी के मेंबर्स से बात कर रहे हैं।

- डॉ सुमिता मुखर्जी, प्रिंसिपल, वीमेंस कॉलेज

मेरा तो कहना है कि दोनों डिग्रियों का महत्व लगभग बराबर है। हम इस समस्या का हल खोजने की कोशिश कर रहे हैं। मामला सिंडिकेट में भी रखा जाएगा।

- अमिताभ सेनापति, सिंडिकेट मेंबर, केयू

हमने मंगलवार को भारत सरकार के उस गजट को पढ़ा, जिसमें यूजीसी के सेक्शन ख्ख् (फ्) के तहत डिग्रियों की नामावली दी गई है। उसमें बीबीए और बीसीए की डिग्रियों का भी उल्लेख है। इस मामले को एकेडमिक काउंसिल से पास कराने के बाद गवर्नर को भेजा जाएगा। गवर्नर से ओके होने पर ये डिग्रियां दी जाएंगी।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, केयू