- ज्वैलर्स एंड सराफा एसोसिएशन ने किया विरोध में किया धरना प्रदर्शन

- कस्टम ड्यूटी को पांच प्रतिशत करने की मांग

- 125 करोड़ जनसंख्या में महज 14 करोड़ पैन कार्ड धारक

LUCKNOW: एक लाख की रुपए कीमत की ज्वैलरी खरीदने पर पैन कार्ड की अनिवार्यता के नियम का ज्वैलर्स एसोसिएशन विरोध कर रहा है। इसी कड़ी में फ्राइडे को ज्वैलर्स और सर्राफा एसोसिएशन ने प्रदेशव्यापी बंदी का ऐलान किया। लखनऊ के ज्वैलर्स एसोसिएशन ने जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया। ज्वैलर्स एसोसिएशन ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और डीएम लखनऊ को संबोधित एक मांग पत्र भी सौंपा। इस मामले को लेकर व्यापारी जल्द ही केंद्रीय मंत्री से मुलाकात भी करेंगे।

ख्00 करोड़ का कारोबार प्रभावित

पैन कार्ड अनिवार्यता के विरोध में फ्राइडे को प्रदेशव्यापी बंदी का ऐलान किया गया था। ज्वैलर्स की बंदी करीब 90 प्रतिशत तक सफल भी साबित हुई। प्रदेश में हर दिन सोना और चांदी का करीब डेढ़ से दो सौ करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसमें अकेले लखनऊ में ख्भ् से फ्0 करोड़ का कारोबार होता है। इस एकदिवसीय बंदी से सरकार को दो प्रतिशत के टैक्स का नुकसान हुआ है।

मात्र क्क् प्रतिशत लोग पैन कार्ड धारक

इंडिया की जनसंख्या क्ख्भ् करोड़ से ज्यादा है जबकि केवल क्ब् करोड़ लोग ही पैन कार्ड धारक है। मतलब कुछ आबादी का कुल क्क् प्रतिशत। ज्वैलर्स का कहना है कि केंद्रीय बजट में एक लाख रुपए या इससे अधिक की ज्वैलरी या बुलियन की खरीद पर पैन कार्ड अनिवार्य किया जाना अव्यवहारिक है। कृषि उत्पाद से होने वाली आय कर मुक्त है। म्0 करोड़ से ज्यादा लोग कृषि से जुड़े है। बहुत से ऐसे किसान है जिनके पास पैन कार्ड नहीं है।

कैसे होगी ज्वैलरी की खरीदारी?

ज्वैलर्स का कहना है कि फ्0 से फ्भ् ग्राम सोने का रेट करीब एक लाख रुपये के लगभग होता है। वहीं साधरण परिवार में भी ख्00 ग्राम तक ज्वैलरी शादी में चढ़ाई जाती है। ऐसी स्थिति में जिनके पास पैन कार्ड नहीं है वह कैसे ज्वैलरी खरीदेंगे, जबकि ज्वैलरी सामाजिक और वैवाहिक कार्यक्रम का मुख्य हिस्सा है। ऐसे नियम लागू होने से कालाबाजारी बढ़ जाएगी। जिसमें सरकार और ज्वैलर्स दोनों का नुकसान है।

केन्द्रीय नेतृत्व तक पहुंचाएंगे बात

ज्वैलर्स एसोसिएशन ने फ्राइडे को धरना प्रदर्शन के साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को एक मांग पत्र सौंपा। प्रदेश अध्यक्ष के सिटी में न होने के चलते व्यापारियों ने प्रदेश मंत्री को ज्ञापन सौंपा.वहीं डीएम राजशेखर के न मिलने पर एसीएम को अपना मांग पत्र दिया। व्यापारियों का कहना है कि इस मामले में केन्द्रीय मंत्री से ज्वैलर्स का एक दल मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराएगा।

अक्षय तृतीया पर नहीं पड़ेगा फर्क

एक लाख रुपये की कीमत की ज्वैलरी की खरीद पर पैन कार्ड का नियम एक जुलाई से लागू होगा। अक्षय तृतीया ख्क् अप्रैल को है। हालांकि, अक्षय तृतीया के दिन खरीदारी के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता जरूरी नहीं होगी। मतलब अक्षय तृतीया के दिन ग्राहक दिल खोलकर खरीदारी कर सकते हैं।

व्यापारियों से बातचीत

सामान्य लोगों के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता व्यवहारिक नहीं है क्योंकि लखनऊ नहीं प्रदेश भर में बहुत कम संख्या है जिनके पास पैन कार्ड है। ऐसे में महंगा सामान लेने के लिए पैन कार्ड देने में भी ग्राहक ऐतराज कर सकते हैं। इससे कारोबार पर फर्क पड़ेगा।

-प्रदीप अग्रवाल

ज्वैलर्स

सामाजिक और वैवाहिक कार्य का मुख्य अंग है ज्वैलरी। किसी भी शादी में कम से कम ज्वैलरी भी परिवार खरीदता है तब भी तीन से पांच लाख रुपए कीमत नहीं होती है। अगर उनके पास पैन कार्ड नहीं है तो ऐसी स्थिति में वह ज्वैलरी खरीदने के क्या हकदार नहीं हैं, जबकि हमारा देश कृषि प्रधान और रीति रिवाज को मानने वाला देश है। ऐसी स्थिति में आम आदमी क्या करे?

-रवीश अग्रवाल

ज्वैलर्स

पैन कार्ड की अनिवार्यता के लिए फ्राइडे को प्रदेशव्यापी बंदी की गई थी। केंद्रीय स्तर पर अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। अगली कड़ी में केंद्रीय मंत्री से व्यापारियों का एक दल मुलाकात कर उनके सामने अपनी समस्या रखेगा। एक दिन की बंदी से कई करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है। सरकार को भी टैक्स का नुकसान हुआ है।

-रविंद्र नाथ रस्तोगी

प्रेसीडेंट, लखनऊ सर्राफा।