- सरोजनीनगर स्थित हज हाउस के पास स्थानीय लोगों ने की आगजनी

- नगर निगम की लापरवाही से साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने का खतरा

LUCKNOW: सरोजनीनगर एरिया में स्थित छठ घाट पर बायो ट्वॉयलेट लगाने को लेकर लोगों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। अधिकारियों से कई बार विरोध जताने पर भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो लोगों ने उस बायो ट्वॉयलेट को आखिरकार आग के हवाले कर दिया और प्रदर्शन करने लगे। हंगामे की जानकारी मिलने पर सीओ कृष्णानगर भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। एहतियात के तौर पर मौके पर भारी पुलिस फोर्स को मौके पर तैनात कर दिया गया है।

ऑफिसर्स ने नहीं की सुनवाई

सरोजनीनगर स्थित हज हाउस के बगल में सैनिक स्कूल बोटिंग क्लब में छठ घाट बना हुआ है, जहां लोग पूजा-पाठ करते हैं। इन दिनों हज यात्रा पर जाने वाले लोगों के साथ आने वाले उनके परिजनों के ठहरने के लिये बोटिंग क्लब में टेंट लगाए गए हैं। इसके साथ ही उनके लिये नगर निगम की ओर से वहां ट्रैक्टर ट्रॉली पर बनाया गया बायो ट्वॉयलेट लगाया गया है। छठ घाट पर बायो ट्वॉयलेट लगाने पर स्थानीय लोगों में रोष था। इसे लेकर लोगों ने क्षेत्र के पार्षद रवि कुमार से शिकायत की। जानकारी मिलने पर पहुंचे पार्षद रवि ने एसओ सरोजनीनगर को कॉल कर लोगों की भावनाओं से अवगत कराते हुए यह ट्वायलेट वहां से फौरन हटाने को कहा।

ऑफिसर करते रहे टालमटोल

पार्षद रवि कुमार के मुताबिक, एसओ ने इसके लिये नगर निगम से संपर्क करने को कहा। जिस पर उन्होंने जोनल अधिकारी, नगर आयुक्त और मेयर को कॉल कर शिकायत की। पर, किसी ने भी सुनवाई नहीं की। जिससे लोगों का गुस्सा सोमवार शाम को भड़क उठा और उत्तेजित लोगों ने उस ट्वायलेट में आग लगा दी। हंगामे और बवाल की सूचना पर सीओ कृष्णानगर हरेंद्र कुमार भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। उधर, स्थानीय लोगों ने सीओ कुमार को चेतावनी दी कि अगर दोबारा फिर से वहां पर ट्वॉयलेट खड़ा किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

पिछले साल भी हो चुका है बवाल

नगर निगम की लापरवाही का इससे बड़ा और क्या सुबूत होगा कि जिस जगह पर मंडे को यह बवाल हुआ, वहां गत वर्ष भी हंगामा हो चुका है। वर्ष ख्0क्फ् में ठीक इसी छठ घाट पर हज पर जाने वालों के परिजनों के लिए ट्वॉयलेट की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध कर उसे हटवाया था। मगर निगम अपनी उसी भूल को साल ख्0क्ब् में भी दोहराने से नहीं चूका।