- रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने किया आगरा से मथुरा तक विंडो निरीक्षण

- कैंट के ट्रैक पर गंदगी मिलने पर जताई अधिकारियों से नाराजगी

आगरा। कैंट और मथुरा रेलवे स्टेशन को मल्टी स्टोरी बनाया जाएगा। हादसों को रोकने के लिए ट्रैक की निगरानी अल्ट्रासोनिक मशीन से की जाएगी। ये बातें शनिवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने कहीं। वह आगरा-मथुरा के बीच विंडो निरीक्षण के बाद कैंट स्टेशन पर पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने बताया कि टेल्गो ट्रेन का ट्रायल हो चुका है। उसके नियमित संचालन का निर्णय नहीं लिया गया है।

गंदगी पर जताई नाराजगी

कैंट स्टेशन स्थित वीआईपी हॉल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि पहले से ही सेमी हाईस्पीड ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। और अधिक हाईस्पीड ट्रेन नहीं चलाई जा सकती है। इससे अन्य ट्रेनों के संचालन में दिक्कत आएगी। मथुरा से आगरा तक विंडो निरीक्षण के दौरान ट्रैक और प्लेटफॉर्म पर गंदगी दिखी। इस पर उन्होंने रेलवे अधिकारियों से नाराजगी जताई। चेयरमैन ने कहा कि ट्रैक के आसपास गंदगी नहीं होनी चाहिए। स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। अन्य स्थानों की तरह यहां भी स्वच्छता अभियान चलना चाहिए। सबके सहयोग की जरूरत है।

रोज ढाई करोड़ लोग करते हैं यात्रा

उन्होंने कहा कि रेलवे में हर रोज 2.3 करोड़ पैसेंजर्स ट्रेवल करते हैं। स्टेशन पर स्वच्छता रहेगी, तो अच्छा मैसेज जाएगा। अभी रेल सुविधाओं में सुधार की जरूरत है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अभी जो सर्वे कराया गया था, उसमें आगरा स्टेशन में सफाई के नाम पर सुधार हुआ है। फिर भी अभी सुधार की जरूरत है। कुछ काम अधूरे पड़े हुए हैं, उनको जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अवसर पर आगरा मंडल के डीआरएम रंजन यादव, एडीआरएम डीके सिंह, सीनियर डीसीएम रश्मि बघेल, डीसीएम पीआरओ संचित त्यागी आदि मौजूद रहे।

यूबीआरडी से रुकेंगे रेल हादसे

रेलवे में लगातार बढ़ रहे हादसों को रोकने के लिए आरडीएसओ (रिसर्च डिजायन स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) ने रेलवे में ट्रैक फ्रैक्चर रोकने को यूबीआरडी (अल्ट्रासोनिक ब्रोकन रेल डिटेक्शन) सिस्टम तैयार किया है। इस सिस्टम की मदद से रेलवे में ट्रैक के फ्रैक्चर होने का अलर्ट पहले ही मिल जाएगा। फिलहाल नार्थ सेंट्रल रेलवे और नॉर्दन रेलवे के सेक्शन में बतौर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने बताया कि लोको पायलट को इस मशीन से रेलवे फै्रक्चर की जानकारी मिल सकेगी। इससे हादसों को रोका जा सकेगा। रेलवे सुरक्षा एवं संरक्षा को लेकर काफी सतर्क है।

ऐसे काम करेगा यूबीआरडी सिस्टम

यूबीआरडी (अल्ट्रासोनिक ब्रोकन रेल डिटेक्शन) सिस्टम ट्रांसमीटर रिसीवर कन्फर्मेशन के तहत काम करेगा। इस बारे में एक रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सिस्टम में यूबीआरडी की मदद से सिग्नल पैदा किया जाएगा। इसे ट्रैक पर 20-25 किमी। के सेक्शन में लगाया जाएगा। ट्रैक पर एक ट्रांसमीटर और रिसीवर लगाया जाएगा। ट्रांसमीटर और रिसीवर के बीच सिग्नल के जरिए सम्पर्क बना रहेगा। इस दौरान कोई संकेत नहीं मिलेगा, लेकिन जैसे ही सिग्नल का सम्पर्क टूटेगा, तो ट्रैक फ्रैक्चर की सूचना सिस्टम पर बैठे कर्मचारी को तुरन्त मिल जाएगी। ये सूचना अल्ट्रासोनिक किरणों की मदद से मिल सकेगी।