- प्रदेशभर में 75 जिलों में फैली है बीमारी

- ग्रामीण इलाके में हो जाती है मौत

आगरा। देश के प्रधानमंत्री ने टीबी (क्षयरोग) पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने वर्ष 2025 तक देश से टीबी रोग को खत्म का एलान किया है। इस ओर डॉक्टर से लेकर केमिस्ट तक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस बीमारी से ताजनगरी भी अछूती नहीं है। यहां के आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में आगरा का स्थान टीबी के मरीज में 18वां है। ये दयनीय स्थित है। हालांकि पिछले एक साल में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन मरीजों की संख्या चिंताजनक है। पेश है एक रिपोर्ट-

अधिकारी कर रहे निपटने की बात

हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री के नेशनल ट्यूबरक्लॉसिस डिवीजन इंडिया टीबी को लेकर हर साल एक रिपोर्ट पेश करती है। इस साल 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2017 तक की रिपोर्ट पेश की है। इसमें प्रदेश में कुल 75 जिलों में टीबी मरीजों की स्थित दर्शाई गई है। इसमें आगरा जिले का 18वां स्थान है। जिले में कुल 5 हजार 217 टीबी के मरीज बताए हैं। ये स्थिति तब है, जब टीबी के उन्मूलन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद जिले में टीबी के मरीजों की संख्या चिंताजनक है। हालांकि अधिकारी इसे बीमारी से निपटने की बात कह रहे हैं।

तीन सालों में उतार-चढ़ाव

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में टीबी रोगियों में बहुत सुधार नहीं हुआ है। वर्ष 2015 में जहां 6330 मरीज थे, वहीं 2016 में बढ़कर 7004 हो गए। 31 दिसंबर-2017 में ये आंकड़े घटकर 5217 पर पहुंच गए। हालांकि इसमें बीमारी से मौत के आंकड़े पेश नहीं किए हैं।

ग्रामीण अंचल की स्थिति बदतर

टीबी का उपचार है। उसकी लगातार दवा लेने से बीमारी से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन अब भी ग्रामीण अंचल में टीबी के उपचार पर ज्यादा फोकस नहीं किया जा रहा है। यहां के स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी का इलाज भी नहीं होता है। ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल रिफर कर दिया जाता है। ये मजदूर वर्ग के लिए मुश्किल का दौर होता है, क्योंकि वह रोज कमाने और रोज खाने वाला होता है। ये बीमारी जीवन यापन से जुड़ी हुई है। इसे समझते हुए योजना तैयार करनी होगी।

अरविंद मिश्रा, शोधकर्ता

जानकारों का मानना है कि सैकड़ों व्यक्ति में 50 से 60 में टीबी के सेल मौजूद रहते हैं। इनके शरीरकी प्रतिरोधक क्षमता कम हुई और ये टीवी के मरीजों के संपर्क में आए, तो इन पर भी इफेक्ट आ जाता है। टीबी की छह महीने का लगातार दवा कोर्स है।