-कंप्यूटर साक्षरता दिवस की पूर्व संध्या पर अग्रसेन पीजी कॉलेज में 'डिजिटल नोट, कालेधन पर चोट' पर हुई परिचर्चा

-बोले वक्ता, अब गवर्नमेंट के सामने पब्लिक को डिजिटल नोट के बारे में ट्रेंड करने की है जरूरत

VARANASI

भारत में कंप्यूटर लिट्रेसी मात्र म्.क्भ् परसेंट है। वहीं क्फ्0 करोड़ की पॉपुलेशन में मोबाइल फोन यूजर्स ब्म् करोड़ ख्क् लाख है। इसमें स्मार्ट फोन यूजर्स की संख्या सिर्फ म्0 मिलियन है। ऐसे में पहले लोगों को ट्रेनिंग देने की जरूरत है। उसके बाद कैशलेस सिस्टम को लागू करने का प्रयास होना चाहिए। कंप्यूटर साक्षरता दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज में आयोजित 'डिजिटल नोट, काले धन पर चोट' विषयक परिचर्चा में ये बातें सामने आई। कंप्यूटर सेंटर के तत्वावधान में आयोजित परिचर्चा में कुछ वक्ताओं ने जहां कालेधन पर चोट करने के लिए पीएम की ओर से नोटबंदी के लिए उठाये गये कदम को सही ठहराया, वहीं कुछ वक्ताओं ने इसे बिना तैयारी के गवर्नमेंट द्वारा उठाया गया कदम बताया। कहा कि अब सरकार के सामने एक प्रमुख चुनौती पब्लिक को डिजिटल नोट के बारे में ट्रेंड करने की है।

कहा कि आज भी एक बड़ा वर्ग एटीएम से पैसा निकालने में हिचकता है तो उसे मोबाइल वालेट्स से पैसे के लेनदेन के लिए तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में कैश लेस के बारे मे व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है। सरकार को इस दिशा में ठोस पहल करनी होगी तभी पीएम का कैशलेस व डिजिटल नोट का सपना साकार हो सकेगा।

सहयोग बनाए रखने की जरूरत

चीफ गेस्ट आई नेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडिटर विश्वनाथ गोकर्ण ने कहा कि नोटबंदी से बेशक आतंकवाद, नक्सलवाद सहित अन्य असामाजिक गतिविधियों पर त्वरित रोक लगी है। लेकिन पब्लिक को इससे असुविधा हो रही है। लेकिन इसका आगे चलकर लाभ भी दिखाई देगा। ऐसे में आज पब्लिक को सहयोगात्मक रुख बनाए रखने की जरूरत है।

अधूरी तैयारी, दे रही परेशानी

कॉमर्स डिपार्टमेंट, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के हेड प्रो। सुधीर शुक्ला ने कहा कि नोटबंदी का यह कदम उचित है लेकिन गवर्नमेंट की तैयारी अधूरी थी। जिससे परेशानी हो रही है। वहीं कॉलेज के मैनेजर संदीप अग्रवाल ने कहा कि नोटबंदी से कालाधन रखने वाले की नींद उड़ गई है। यह नोटबंदी की सफलता को स्वयं प्रमाणित करता है। जब भी कोई बदलाव होता है तो छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना ही पड़ता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस मौके आईसीआईसीआई बैंक के अनुराग बैजल सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। वेलकम प्रिंसिपल डॉ। कुमकुम मालवीय, संचालन कंप्यूटर सेंटर के डायरेक्टर पवन कुमार सिंह ने तथा थैंक्स डॉ। शुभा सक्सेना ने दिया। परिचर्चा के दौरान बड़ी संख्या में छात्राओं ने क्वेश्चंस भी पूछे। जिसका एक्सपर्ट ने आंसर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया।