- लैब की गलत जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों ने निकाल दी थी महिला की ब्रेस्ट

- राज्य उपभोक्ता आयोग ने जांच के बाद सुनाया फैसला

DEHRADUN: आहूजा पैथोलॉजी एंड इमेजिंग सेंटर पर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। लैब की गलत जांच रिपोर्ट के आधार पर महिला की ब्रेस्ट निकाल दी गई। उन्हें कैंसर बताया गया था, जबकि महिला को ऐसी कोई बीमारी नहीं थी।

लैब ने दी गलत रिपोर्ट

करनपुर निवासी पीडि़त महिला (ओएनजीसी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की पत्नी) को सीने में दर्द की शिकायत थी। इस शिकायत को लेकर वह डॉक्टर प्रदीप शारदा से मिलीं। जिन्होंने उन्हें जांच के लिए आहूजा पैथोलॉजी लैब भेजा। लैब की रिपोर्ट को लेकर वह दिल्ली के डॉक्टर अशोक मालवीय से मिलीं। डॉक्टर अशोक मालवीय ने उन्हें उपचार के लिए राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट भेजा। जहां डॉक्टरों ने पूर्व की लैब रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए उनकी एक ब्रेस्ट निकाल दी। हालांकि ऑपरेशन के बाद महिला को अन्य लैब पर जांच करवाने पर पता चला कि उन्हे ऐसी कोई बीमारी थी नहीं, जिस कारण उनकी ब्रेस्ट निकाली जाती। इस पर उन्होंने डॉक्टर आहूजा पैथोलॉजी एंड इमेजिंग सेंटर, डॉक्टर आलोक आहूजा व राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर दिल्ली के चेयरमैन के खिलाफ मुआवजे को लेकर उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। आयोग में राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूटी एंड रिसर्च सेंटर रोहिणी दिल्ली की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि उनके डॉक्टरों ने पूर्व की लैब रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन में उन्होंने कोई गलती नहीं की। उनके इस पक्ष को आयोग ने भी सही माना। जबकि तमाम साक्ष्यों पर आयोग ने माना कि आहूजा पैथोलॉजी लैब की गलत रिपोर्ट के कारण ही महिला की ब्रेस्ट निकाली गई है। आहूजा पैथोलॉजी लैब को दोषी पाते हुए आयोग के अध्यक्ष बीएस वर्मा व सदस्य वीना शर्मा ने आदेश दिया कि वह महिला को मुआवजे के तौर पर दस लाख रुपये अदा करे। जुर्माने के साथ ही लैब व डॉक्टर आलोक आहूजा को वाद व्यय के रूप में दस हजार रुपये भी पीडि़त महिला को देने होंगे।