और क्या है जानकारी
गौरतलब है कि ये विमान इंडोनेशिया के सुरबाया शहर से सिंगापुर जा रहा था और इसमें 162 यात्री सवार थे. अधिकारी बैमबैंग सोलिस्तियो ने इसको लेकर बताया कि अगर विमान के समुद्र में गिरने के संकेत सही निकलते हैं तो इंडोनेशिया के पास ऐसी तकनीकी क्षमता अभी नहीं है कि वो विमान को समुद्र तल से निकाल सके.

दूसरे देशों से मदद की है अपील
ऐसे में उन्होंने दूसरे देशों से मदद की अपील की है. वहीं विमान की तलाश जावा समुद्र के बेलीतुंग द्वीप के ईर्द-गिर्द की जा रही है. इसको लेकर कई जहाज़ और  हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं. एयर एशिया के मालिक टोनी फ़र्नांडिस ने इसे अपने जीवन की सबसे ख़राब घटना बताई है. टोनी फर्नांडिस ने कहा, 'विमान में सवार लोगों के रिश्तेदारों और क्रू टीम के परिवारों की चिंता हमारी पहली प्राथमिकता होगी. फिलहाल इसके अलावा अभी हम कुछ और सोच नहीं पा रहे हैं.'

बेलीटांग द्वीप के आसपास खोज है जारी
गौरतलब है कि विमान को खोजने में इंडोनेशिया के 12 समुद्री जहाज़, तीन हेलिकॉप्टर और पांच मिलिट्री एयरक्राफ़्ट विमान भी लगे हुए हैं. इसके अलावा मलेशिया का एक सी-130 विमान, तीन जहाज़ और सिंगापुर का एक सी-130 विमान भी तलाश कार्य में लगा हुआ हैं. ऑस्ट्रेलिया भी इस मिशन में अपना पूरा सहयोग दे रहा है. विमान की अभी बेलीटांग द्वीप के आसपास खोज की जा रही है.

विमान का रूट बदलने की थी मांग
घटना को लेकर इंडोनेशिया के यातायात मंत्रालय ने कहा है कि उनका पहला मक़सद विमान को खोजना है. इसके लिए वह हर संबंधित देश के साथ इस कार्य में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं. जानकारी के अनुसार एयर एशिया का यह विमान स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर इंडोनेशिया के सुरबाया शहर से रवाना हुआ था और स्थानीय समय सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर सिंगापुर पहुंचना था, लेकिन सुबह छह बजकर 24 मिनट पर इसका कंट्रोल रूम से आख़िरी बार संपर्क हुआ. खबर है कि विमान के पायलट ने ख़राब मौसम को कारण बताते हुए विमान के लिए असामान्य रूट की मांग की थी, लेकिन किसी तरह की इमरजेंसी घोषित नहीं की थी.

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