-जबरदस्त आतिशबाजी व पटाखे छुड़ाने से एटमॉस्फियर में घुली खतरनाक गैसें

-अभी भी जारी है सिलसिला, हॉस्पिटल्स में लगी पेशेंट्स की लाइन

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KANPUR: सिटी में वैसे ही एयर पॉल्यूशन चरम पर है। ऐसे में दीवाली पर जबरदस्त आतिशबाजी से शहर की फिजा में और भी अधिक खतरनाक गैसें घुल गई। एयर पॉल्यूशन 8 गुना तक पहुंच गया। दीवाली के बाद भी आतिशबाजी का दौर जारी रहने और एटमॉस्फियर में नमी अधिक होने के कारण अभी भी लोगों को एयर पॉल्यूशन से छुटकारा नहीं मिला है। जिससे खासतौर पर अस्थमा पेशेंट्स को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। हैलट, उर्सला व प्राइवेट क्लीनिक, नर्सिगहोम्स से पेशेंट्स का तांता लगा रहा है।

8 गुना हुए पार्टिकुलेट मैटर्स

दस माइक्रॉन से कम साइज के पार्टिकुलेट मैटर्स (पीएम-क्0) की मात्रा आम दिनों में ही दोगुनी से अधिक रहती है। दिवाली को पूजन के बाद कानपुराइट्स ने जमकर पटाखे छुड़ाए व आतिशबाजी की। इन पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया। एटमॉस्फियर में पार्टिकुलेट मैटर्स की मात्रा 8म्0 माइक्रोग्राम पर मीट्रिक क्यूब तक पहुंच गई। जबकि एक दिन पहले यानि की ख्ख् अक्टूबर को पार्टिकुलेट मैटर्स की मात्रा ख्ब्फ् माइक्रोग्राम पर मीट्रिक क्यूब ही थी। जबकि मानक क्00 माइक्रोग्राम पर मीट्रिक क्यूब का ही है।

खतरनाक गैसें भी घुल गई हवा में

धनतेरस के साथ ही शहर में पटाखे व आतिशाबाजी छुड़ाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ये सिलसिला दिवाली के अगले दो-तीन दिन तक जारी रहता है। जिससे केवल पार्टिकुलेट मैटर्स ही नहीं पटाखे व आतिशबाजी के कारण खतरनाक गैसों की मात्रा भी एटमॉस्फियर में तेजी से बढ़ गई है। दिवाली के एक दिन पहले जहां सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा ब् माइक्रोग्राम पर मीट्रिक क्यूब थी, वहीं दिवाली के दिन ये बढ़कर भ् गुना से भी अधिक हो गई। रात क्0 बजे सल्फर डाई ऑक्साइड(एसओटू) की मात्रा ख्क् माइक्रोग्राम पर मीट्रिक क्यूब दर्ज हुई है। दिवाली के दिन जरूर सल्फर डाई ऑक्साइड कम हुई लेकिन फिर भी ख्ब् अक्टूबर को एसओटू क्ब् माइक्रोग्राम पर मीट्रिक क्यूब पाई गई है। कमोवेश यही हाल नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड का रहा है। दिवाली की रात अक्टूबर महीने में सबसे अधिक एटमॉस्फियर में नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड भ्9 माइक्रोग्राम पर मीट्रिक क्यूब दर्ज हुई है।

क्या है वजह?

दरअसल कम्पनी मेड के अलावा बड़ी संख्या में मार्केट में आसपास जिलों से अवैध रूप से बने पटाखे भी बिके। जिनमें न तो नॉइज पॉल्यूशन और न ही एयर पॉल्यूशन के मानकों का ख्याल किया जाता है। जिसकी वजह से एयर पॉल्यूशन नॉर्मल डेज के अपेक्षा कई गुना तक बढ़ गया। एक वजह ये भी रही है कि इन दिनों लगातार ह्रयूमिडिटी 90 परसेंट से भी अधिक दर्ज हो रही है। नमी अधिक होने के कारण जहरीली गैसें, धुआं एटमॉस्फियर में ही बना रहता है। जल्दी निकल नहीं पाता है। रीजनल पॉल्यूशन कन्ट्रोल ऑफिसर टीयू खान ने बताया कि दिवाली पर एयर पॉल्यूशन के अलावा ध्वनि प्रदूषण की भी जांच की गई है। जोकि मानक से कई गुना निकली।

एटमॉस्फियर में गैसेज-

दीवाली के एक दिन पहले--दिवाली के दिन--दिवाली के एक दिन बाद-

पीएम(क्0)--ख्ब्फ्--8म्0--ख्ब्9--ब्भ्(पीएम ख्.भ्)

सल्फर डाई ऑक्साइड-- ब्--ख्क्--क्ब्-- भ्

नाइट्रोजनडाईऑक्साइड-- ब्म्--भ्9--फ्9--ब्फ्

(डेटा- रात क्0 बजे का है)