ऐसे तो फैलता ही रहेगा वायु प्रदूषण

नंबर गेम

31 मार्च को बैन हुए बीएस थ््राी वाहन

127 राजधानी में प्रदूषण चेक करने वाले

7 हजार पूरे प्रदेश में प्रदूषण चेक करते हैं

- परिवहन विभाग के पास बीएस फोर से निकलने वाले धुंए की माप की मशीनें नहीं

- बीएस थ्री वाहनों से निकलने वाले धुंए की जांच किए जाने के लिए ही उपलब्ध हैं मशीनें

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW:

वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग ने रातों रात बीएस थ्री वाहनों का संचालन बंद कर दिया था। स्पष्ट किया गया था कि अब केवल बीएस फोर वाहनों की बिक्री ही की जाएगी। लेकिन परिवहन विभाग इस बात को भूल गया कि उसके पास बीएस फोर वाहनों से निकलने वाले धुएं को जांचने के लिए मशीनें ही नहीं हैं। डिपार्टमेंट के पास आज भी धुएं की जांच के लिए जो इक्यूपमेंट हैं, वे बीएस थ््राी वाहनों के लिए ही उपयुक्त हैं। ऐसे में बीएस फोर वाहनों से कितना वायु प्रदूषण फैल रहा है, इसकी जांच नहीं की जा सकती।

बैन हुई थी बीएस थ्री गाडि़यां

परिवहन विभाग ने इस साल 31 मार्च से बीएस थ्री मानक वाली गाडि़यों को बैन कर दिया था। प्रदेश में डीलर्स अब बीएस फोर गाडि़यां ही बेच रहे हैं। लेकिन इन गाडि़यों से निकलने वाला धुंआ मानकों के अनुरूप है या नहीं, इसकी चेकिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। परिवहन डिपार्टमेंट के अधिकारियों की दलील है कि नई गाड़ी में तीन महीनें तक वायु प्रदूषण की जांच नहीं होती है। लेकिन डिपार्टमेंट के अधिकारी इस बात को भूल गए हैं कि नई गाडि़यों की लांचिंग हुए चार महीने हो चुके हैं। ऐसे में बीएस फोर गाडि़यों से निकलने वाले धुएं की जांच होना जरूरी है।

जांच कर दिया जाता है सर्टिफिकेट

बीएस फोर वाहनों को सिर्फ इसी वजह से लांच किया गया है कि इनसे निकलने वाला धुंआ बीएस थ्री वाहन की तुलना में कम होगा। जिससे पर्यावरण को होने वाला नुकसान कम हो जाएगा। वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच कर वाहन मालिकों को सर्टिफिकेट दिया जाता है। इस जांच के लिए बाकायदा प्रदेश भर में ठेका दिया जाता है। राजधानी में ही 127 से अधिक लोगों को यह जिम्मेदारी दी गई है। जबकि प्रदेश में यह संख्या तकरीबन सात हजार है। लेकिन इन सभी के पास वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच के लिए केवल बीएस थ््राी वाली मशीनें ही उपलब्ध हैं।

वाहनों के धुएं की जांच के लिए मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। निर्देश जारी किए जा चुके हैं। जल्द ही मानक भी जांच करने वालों को भेज दिए जाएंगे।

गंगाफल, अपर परिवहन आयुक्त

सड़क सुरक्षा, परिवहन विभाग